हिमाचल में सूखे से हांफी पेयजल योजनाएं, सरकार ने बुलाई आपात बैठक

Edited By Vijay, Updated: 24 May, 2018 07:29 PM

drinking water schemes gasp from dry govt called emergency meeting

प्रदेश में सूखे के कारण जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में तो लोगों को 8 से 10 दिन बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा है। करीब 20 फीसदी पेयजल और सिंचाई योजनाएं पूरी तरह से सूख चुकी हैं।

शिमला: प्रदेश में सूखे के कारण जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में तो लोगों को 8 से 10 दिन बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा है। करीब 20 फीसदी पेयजल और सिंचाई योजनाएं पूरी तरह से सूख चुकी हैं। 45 फीसदी से ज्यादा योजनाओं में 70 फीसदी तक जलस्तर गिर गया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को सचिवालय में आई.पी.एच. अधिकारियों की बैठक बुलाई है। अधिकारियों को सभी पेयजल और सिंचाई योजनाओं की मौजूदा स्थिति की जानकारी के साथ बैठक में आने के निर्देश दिए गए हैं।


...तो पूरी तरह से हांफ जाएंगी 35 फीसदी से ज्यादा योजनाएं
प्रदेश में 9,393 पेयजल और 2,669 सिंचाई योजनाएं हैं। इनमें से अधिकांश में पानी की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सप्ताह भर मौसम ऐसा ही रहा तो 35 फीसदी से ज्यादा योजनाएं पूरी तरह से हांफ जाएंगी। शहरी क्षेत्रों में तो जिला प्रशासन और स्थानीय शहरी निकाय टैंकरों इत्यादि के माध्यम से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पीठ पर दूर-दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं।  


10 फीसदी पेयजल स्रोतों में बचा पानी
ठियोग की देवरीघाट पंचायत के प्रधान सुरेश वर्मा ने बताया कि पूरी पंचायत में मुश्किल से 10 फीसदी पेयजल और सिंचाई स्रोतों में पानी बचा है। लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लोगों को टैंकरों द्वारा पानी देने की मांग की है। कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र की सतोग पंचायत के प्रधान विद्या दत्त ठाकुर ने बताया कि उनकी पंचायत के 7 में से 5 वार्डों की सभी सिंचाई और पेयजल योजनाएं हांफ चुकी हैं।


इस कारण गिरा जल स्तर
प्रदेश में इस साल एक जनवरी से 28 फरवरी के बीच 72 फीसदी कम बारिश हुई है। इसी तरह मार्च माह में 100 फीसदी कम, अप्रैल माह में 14 फीसदी, बीते साल सितम्बर में 26 फीसदी कम, अक्तूबर में 99 फीसदी, नवम्बर में 66 फीसदी व दिसम्बर, 2017 में 6 फीसदी कम बारिश हुई है। 


कृषि व उद्यान उपज को 145 करोड़ की क्षति
सिंचाई योजनाओं के सूखने से अन्नदाता कहे जाने वाले किसान मुश्किल में हैं। बीते माह तक प्रदेश में 145 करोड़ से ज्यादा की कृषि व बागवानी उपज तबाह हो चुकी है। ताजा रिपोर्ट आने के बाद यह आंकड़ा कई गुना बढ़ जाएगा। सूखे की वजह से इन दिनों सेब को ड्रॉपिंग, फूलगोभी, मटर, फ्रासबीन व टमाटर को ज्यादा नुक्सान हो रहा है। 

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