Edited By kirti, Updated: 26 Jul, 2019 03:15 PM
10 गांवों की हजारों की आबादी की प्यास बुझाने वाली आई.पी.एच. मंडल हमीरपुर की टिक्कर-चलोखर उठाऊ पेयजल योजना बेकदरी की हालत में है। ग्राम पंचायत देई का नौण में चल रही इस स्कीम के पुराने व असुरक्षित भवन में जंग लगे लोहे के स्टैंड पर मोटरों को चलाने वाले...
हमीरपुर: 10 गांवों की हजारों की आबादी की प्यास बुझाने वाली आई.पी.एच. मंडल हमीरपुर की टिक्कर-चलोखर उठाऊ पेयजल योजना बेकदरी की हालत में है। ग्राम पंचायत देई का नौण में चल रही इस स्कीम के पुराने व असुरक्षित भवन में जंग लगे लोहे के स्टैंड पर मोटरों को चलाने वाले बिजली के उपकरण स्थापित हैं। उनमें भी तारें नंगी हैं तो जंक्शन व फ्यूज के ढक्कन खुले हैं। बिजली की मुख्य तार भी अर्थ नहीं है।
इस असुरक्षित भवन की छत बारिश में टपकती है जिस कारण कभी भी बिजली के स्पार्क होने से पूरा भवन करंट की चपेट में आ सकता है जोकि कार्यरत कर्मचारियों के लिए जोखिम भरा है। जानकारी के अनुसार इस असुरक्षित भवन के साथ नया भवन भी बनाया है, जहां पेयजल की मोटरें लगाई गई हैं लेकिन इस भवन में भी जुगाड़ से व्यवस्था बनाई गई है तथा बिजली का एक बोर्ड बांस के डंडे के सहारे खड़ा किया गया है। पुराने भवन की मुरम्मत करवाई जाए स्थानीय लोगों की मानें तो पेयजल स्कीम के पुराने भवन की मात्र छत ही खराब हुई थी। इसलिए छत की मुरम्मत कर इस पुराने भवन को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि पुराने भवन की छत को नए सिरे डालकर इसकी मुरम्मत करवाई जाए तथा जुगाड़ वाली व्यवस्था की बजाए स्थायी समाधान किया जाए।