Edited By Punjab Kesari, Updated: 30 Aug, 2017 09:37 PM
प्रदेश सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को डिजिटल राशन कार्ड पर राशन देने की प्रक्रिया लोगों के लिए जहां परेशानी का सबब बनी हुई है....
घुमारवीं: प्रदेश सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को डिजिटल राशन कार्ड पर राशन देने की प्रक्रिया लोगों के लिए जहां परेशानी का सबब बनी हुई है, वहीं डिपोधारकों के लिए भी यह प्रक्रिया सिरदर्द बनी हुई है। नए डिजिटल राशन कार्डों में इतनी खामियां हैं कि डिपोधारकों को उन्हें दूर करना असंभव हो गया है। अधिकांश डिजिटल राशन कार्ड बिल्कुल गलत ही बना दिए गए हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं के नाम से राशन कार्ड जारी होने के चलते परिवार के मुखिया का नाम ही गायब है, ऐसे में डिपोधारक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इन कार्डों को किसे दें जबकि लोग अपने डिजिटल कार्ड लेने के लिए डिपुओ के चक्कर लगा रहे हैं तथा डिपोधारकों से उलझ भी रहे हैं।
सरकार द्वारा जल्दी में लिया गया फैसला
ग्राम पंचायत औहर के पूर्व प्रधान देशराज शर्मा ने कहा कि यह सरकार द्वारा जल्दी में लिया गया फैसला है तथा चुनावों के समय जितना वर्तमान कांग्रेस सरकार ने लोगों को परेशान किया है, इसका खमियाजा उसे विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अधिकांश उपभोक्ताओं के डिजिटल राशन कार्ड अन्य डिपोधारकों के पास भेज दिए गए हैं। उन्होंने इसकी उचित जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि इसमें लाखों रुपए का घोटाला किया गया है। उधर, घुमारवीं डिपोधारक संघ के प्रधान शिवानंद शास्त्री ने बताया कि उनके डिपो में करीब 500 राशन कार्ड उपभोक्ता हैं तथा अधिकांश डिजिटल राशन कार्ड गलत बने हैं जिनमें परिवारों की संख्या उचित नहीं दर्शाई गई है। उन्होंने बताया कि उनके ही डिपो के अधिकांश डिजिटल राशन कार्ड अन्य डिपुओं में भेज दिए गए हैं।
एक नाम की 8 महिलाएं तो कार्ड किसे दें
उन्होंने बताया कि महिलाओं के नाम से डिजिटल राशन कार्ड होने के चलते यदि गांव में डिपोधारकों के अधिकार क्षेत्र में एक नाम की 8 महिलाएं हैं तो उन्हें यह पहचान करने में परेशानी आ रही है कि किस महिला का डिजिटल राशन कार्ड किसको देना है। उन्होंने कहा कि यह कार्य सरकार को पंचायत सदस्यों के माध्यम से करना चाहिए था जिसके चलते राशन कार्ड धारकों को समय पर राशन कार्ड भी मिल जाता तथा खाद्य सामग्री। शिवानंद शास्त्री ने सरकार से मांग की है कि राशन कार्ड लोगों को दिलाने के लिए पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं ताकि समय पर डिजिटल राशन कार्ड लोगों के हाथ तक पहुंच सकें व जो खामियां डिजिटल राशन कार्ड हैं, उन्हें भी तत्काल दुरुस्त किया जाए।