Edited By kirti, Updated: 09 Dec, 2018 12:58 PM
हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा वायका सामने आया है जहां एक शारीरिक रूप से दिव्यांग आरएम अपने ही घर में बेगाना हो गया। जी हां यह वायका हिमाचल पथ परिवहन निगम के मुख्यालय शिमला में सामने आया है। जहां पर आरएम के पद पर तैनात दृष्टिहीन अधिकारी के साथ भेदभाव...
सुन्दरनगर (नितेश सैनी) : हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा वायका सामने आया है जहां एक शारीरिक रूप से दिव्यांग आरएम अपने ही घर में बेगाना हो गया। जी हां यह वायका हिमाचल पथ परिवहन निगम के मुख्यालय शिमला में सामने आया है। जहां पर आरएम के पद पर तैनात दृष्टिहीन अधिकारी के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। दरअसल निगम के ही कर्मचारियोंं व अधिकारियों द्वारा शारीरिक रूप से दिव्यांग आरएम शेर सिंह को सुख सुविधाओं से महरूम किया जा रहा है। यहां तक कि उसके कार्यालय के बाहर पानी पिलाने तक के लिए कर्मचारी तैनात नहीं किया गया है। वहीं दूसरी ओर अपनी ही बस में सुबह शाम सफर करने के बावजूद भी दिव्यांग जनों के लिए आरक्षित सीट तकका लाभ आरएम को नहीं मिल रहा है।
अधिकारियों के रवैए के आगे हिम्मत हार चुका
वहीं दूसरी ओर दिव्यांगजन अपने ही विभाग में आला अधिकारियों की नाक तले सुविधाओं को तरस रहे हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम के आला अधिकारी एमडी और डायरेक्टर इस मसले से भलीभांति परिचित होने के बावजूद भी दृष्टिहीन आरएम की मदद करने की बजाए हर मोर्चे पर अपना पल्ला झाड़ते आए हैं। निगम के शिमला मुख्यालय में आरएम पद पर तैनात यह दृष्टिहीन अधिकारी भले ही कार्य करने में सक्षम है। लेकिन आला अधिकारियों के रवैए के आगे हिम्मत हार चुका है उसे हर मोर्चे पर जलील किया जा रहा है जिस से आहत होकर यह आरएम रैंक का अधिकारी स्वयं को समाज में अछूता महसूस कर रहा है।
सकलानी ने आरएम का दर्द सांझा किया
इस आला अधिकारी की परिवारिक पृष्ठभूमि भी कुछ सरल नहीं है इसकी तीन बेटियां हैं जोकि दिव्यांगता का शिकार है और आरएम की पत्नी भी दिमागी तौर पर काफी लंबे समय से पीड़ित है ऐसे में इस पढ़े लिखे समाज में दिव्यांगता का शिकार हुए इस अधिकारी की सुनने वाला अब कौन आगे आएगा यह बात अभी भविष्य के गर्भ में है वहीं दूसरी ओर दिव्यांग जनों के नेता एवं दिव्यांग जनों के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने आरएम रैंक के अधिकारी का दर्द सांझा करते हुए प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से गुहार लगाई है कि वह निगम के आला अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाए ताकि इस रैंक पर तैनात इस दृष्टि हीन आरएम को तमाम सुख सुविधाएं सेवाकाल के दौरान मुहैया हो सके।