Edited By Vijay, Updated: 29 May, 2019 10:29 PM
प्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भरने वाली हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की लापरवाही का खमियाजा गरीब परिवार को भुगतना पड़ रहा है। नलबंदी करवाने के बावजूद एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। यह घटना है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र...
नगरोटा सूरियां (नंदपुरी): प्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भरने वाली हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की लापरवाही का खमियाजा गरीब परिवार को भुगतना पड़ रहा है। नलबंदी करवाने के बावजूद एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। यह घटना है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरोटा सूरियां के तहत एक गांव की। महिला के पति ने बताया कि 19 जनवरी, 2018 को उसकी पत्नी ने नलबंदी करवाई थी लेकिन इसके बावजूद उसकी पत्नी ने 4 अप्रैल, 2019 को एक बच्चे को जन्म दिया। इस दंपति की पहले ही 2 बेटियां व एक बेटा है। महिला के पति ने बताया कि पत्नी के गर्भवती होने का पता 7 महीने बाद चला तो वह पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरोटा सूरियां गया तथा इस बारे उसने वहां तैनात डॉक्टर को बताया।
बार-बार कटवाए जा रहे अस्पताल के चक्कर
उसने बताया कि उसे व उसकी पत्नी को बार-बार अस्पताल के चक्कर कटवाए जा रहे हैं, जिससे वह परेशान हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार चक्कर काटने से दुखी होकर अब यह मामला उसने मीडिया के समक्ष रखा है। वहीं इस बारे धर्मशाला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि नलबंदी के ऑप्रेशन कई बार रियर केस में फेल हो जाते हैं, ऐसे में विभागीय जांच करने के बाद जो भी क्लेम बनता है वह प्रभावित को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रभावित नलबंदी के दस्तावेजों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में मिले, जांच के बाद जो भी मुआवजा बनेगा वह प्रभावित को दिया जाएगा।