Edited By Ekta, Updated: 26 Sep, 2018 01:39 PM
बस किराए में हुई बढ़ोतरी पर राजनीति गरमा गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। पार्टी का आरोप है कि एक तरफ प्राकृतिक आपदा ने सभी जिलों में कहर बरपाया तो दूसरी तरफ जयराम सरकार ने बस किराए में बढ़ौतरी कर जनता की कमर तोड़ दी है।...
शिमला (राक्टा): बस किराए में हुई बढ़ोतरी पर राजनीति गरमा गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। पार्टी का आरोप है कि एक तरफ प्राकृतिक आपदा ने सभी जिलों में कहर बरपाया तो दूसरी तरफ जयराम सरकार ने बस किराए में बढ़ौतरी कर जनता की कमर तोड़ दी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बरसात की मार से जनता उभरी भी नहीं थी कि सरकार ने उनके जख्मों पर मरहम लगाने के बजाए नमक छिड़कने का काम किया है। हिमाचल में बस किराया अब पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक हो गया है। उत्तराखंड में भी हिमाचल से कम किराया है।
सुक्खू ने आरोप लगाया है कि सरकार ने निजी बस आप्रेटरों के आगे झुकते हुए जनता की जेब पर डाका डालने का काम किया है। न्यूनतम किराया भी 6 रुपए कर दिया है, जो जनता के साथ धोखा है। किराए में अधिकतम 24 प्रतिशत वृद्धि तर्कसंगत नहीं है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि किराया बढ़ाने के बजाए सरकार पैट्रो पदार्थों पर वैट घटाकर बस आप्रेटरों को राहत दे सकती थी। कांग्रेस ने कहा है कि बस किराए में बढ़ौतरी राज्य की जनता को भाजपा सरकार के अच्छे दिनों का पहला तोहफा है। सुक्खू ने कहा कि जब तक डीजल-पैट्रोल को जी.एस.टी. के दायरे में नहीं लाया जाता, तब तक केंद्र सरकार इनकी कीमतों में बढ़ौतरी का नियंत्रण निजी कंपनियों के बजाय अपने हाथों में ले। इससे भी लोगों को फौरी राहत दी जा सकती है।