NHAI से विवाद के चलते कंपनी ने बंद किया फोरलेन का काम, 300 हिमाचली हुए बेरोजगार

Edited By Vijay, Updated: 17 Dec, 2019 09:17 PM

company stopped the work of fourlane

चंडीगढ़-शिमला फोरलेन के तीसरे चरण (कैथलीघाट से ढली) पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। कैथलीघाट से ढली तक फोरलेन का निर्माण कर रही चेतक कंपनी ने फोरलेन का निर्माण कार्य बंद कर अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है।

सोलन (नरेश पाल): चंडीगढ़-शिमला फोरलेन के तीसरे चरण (कैथलीघाट से ढली) पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। कैथलीघाट से ढली तक फोरलेन का निर्माण कर रही चेतक कंपनी ने फोरलेन का निर्माण कार्य बंद कर अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है। फोरलेन का निर्माण कार्य बंद होने से करीब 300 हिमाचली बेरोजगार हो गए हैं। चेतक कंपनी द्वारा करीब 1440 करोड़ रुपए की लागत से इस फोरलेन का निर्माण कार्य करना था लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआईए) से विवाद के चलते कंपनी ने काम बंद कर दिया है।

फोरलेन निर्माण में लगी कई मशीनें मुम्बई भेजीं

यही नहीं, कंपनी ने मशीनरी सहित अन्य सामान को समेटना भी शुरू कर दिया है। कैथलीघाट से बीशा सड़क मार्ग पर कंपनी ने अपना सरिया ट्रकों में लोड कर मुम्बई भेजना शुरू कर दिया है तथा फोरलेन के निर्माण में लगी कई मशीनों को भी मुम्बई भेज दिया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि कंपनी अब इस निर्माण कार्य को जारी रखने के मूड में नहीं है। इसके कारण कंपनी में कार्यरत हिमाचल के इंजीनियर व अन्य तकनीकी कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। कंपनी ने सभी कर्मचारियों को अब नौकरी से हटा दिया है।

कंपनी को अनुबंध के अनुसार नहीं मिली जमीन

सूत्रों का कहना है कि चेतक कंपनी का एनएचआईए के साथ विवाद चला हुआ था। कंपनी का कहना है कि एनएचआईए अनुबन्ध की शर्तों को पूरा करने में विफल रही है, जिसके कारण कंपनी को करोड़ों रुपए के घाटे का सामना करना पड़ा है। अनुबंध के अनुसार एनएचआईए को कंपनी के हिमाचल में काम शुरू करते ही 80 फीसदी भूमि उपलब्ध करवानी थी और इसके 3 महीने में शेष भूमि उपलब्ध करवानी थी लेकिन एनएचआईए कंपनी को अभी तक 50 फीसदी भूमि ही उपलब्ध करवा सका है जबकि कंपनी ने अप्रैल, 2018 से निर्माण कार्य शुरू किया हुआ है। इसके अलावा डिजाइन को लेकर भी इश्यू चले हुए थे। डिजाइन फाइनल न होने के कारण कंपनी को बैंक से ऋण मिलने में भी परेशानी हो रही थी। इन परेशानियों को दूर होते न देख कंपनी ने निर्माण कार्य ही बंद कर दिया।

28 किलोमीटर लम्बे फोरलेन में 13 पुलों व 3 टनल का होना था निर्माण

कंपनी ने सड़क निर्माण के साथ-साथ पुलों व सुरंग का निर्माण करना भी शुरू कर दिया था लेकिन कंपनी ये सभी कार्य बीच में ही छोड़कर चली गई है। कैथलीघाट से ढली तक करीब 28 किलोमीटर लम्बे फोरलेन में 13 पुलों व 3 टनल का निर्माण होना था। इनमें एक केबल पुल भी शामिल है जो भारत में बनने वाला पहला पुल था। यदि विवाद का जल्द निपटारा नहीं हुआ तो फोरलेन का निर्माण लटक जाएगा।  टैंडर की प्रक्रिया फिर से शुरू करनी पड़ेगी। परवाणु से चम्बाघाट तक ग्रिल व चम्बाघाट से कैथलीघाट तक एरीफ कंपनी द्वारा फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। इन कंपनियों के भी एनएचआईए के साथ विवाद चले हुए हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!