Edited By Vijay, Updated: 06 May, 2022 12:37 AM
गिरीपार क्षेत्र के हाटियों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए 50 वर्ष तक कड़ा संघर्ष किया है। हम इस मुद्दे को सिरे चढ़ा कर रहेंगे, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हरिपुरधार के बिशु मेले के समापन समारोह में...
हरिपुरधार (नाहन) (पुंडीर): गिरीपार क्षेत्र के हाटियों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए 50 वर्ष तक कड़ा संघर्ष किया है। हम इस मुद्दे को सिरे चढ़ा कर रहेंगे, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हरिपुरधार के बिशु मेले के समापन समारोह में जनसभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने इस कार्यकाल के दौरान हाटियों की आवाज को बुलंद तरीके से उठाया है। इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा उठाई गई सभी आपत्तियों का निस्तारण किया है। सभी तकनीकी पहलुओं पर बारीकी से काम कर हाटियों की फाइल हर तरह से कम्प्लीट की है। उन्होंने कहा कि वह तकनीकी बारीकियों में नहीं जाना चाहते हैं, मगर यह अवश्य कहना चाहते हैं कि इस मुद्दे को पूरा करेंगे तथा हाटियों के इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। इससे पहले हाटियों, मेला समिति तथा भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने हरिपुरधार पहुंचने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया।
गरीब मामा का जमाना
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में बार-बार अपने लिए मामा शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि जब हिमाचल में इस गरीब मामा का जमाना शुरू हुआ तो कोरोना ने हमला कर दिया। 2 वर्षों तक मामा और भांजे भीतर ही रहे। कहने को तो साढ़े 4 वर्ष का कार्यकाल है, मगर वास्तव में काम करने का अवसर 2 वर्ष ही मिला है। उन्होंने कहा कि यदि देश में नरेंद्र मोदी का नेतृत्व न होता तो न जाने आज भी यह देश कोरोना से ही जूझ रहा होता।
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