Edited By Vijay, Updated: 26 Oct, 2019 07:25 PM
हिमाचल प्रदेश सरकार अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में 566 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर चुकी है, जिनमें 81319 करोड़ रुपए की निवेश क्षमता है और लगभग डेढ़ लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान यह...
शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश सरकार अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में 566 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर चुकी है, जिनमें 81319 करोड़ रुपए की निवेश क्षमता है और लगभग डेढ़ लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 7 व 8 नवम्बर को धर्मशाला में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वैस्टर्स मीट में निवेशकों को हिमाचल में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध निवेश की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस आयोजन का शुभारम्भ करेंगे और गृह मंत्री अमित शाह भी इसमें सम्मिलित होंगे।
उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र में 12977.84 करोड़ रुपए निवेश के लिए 196 समझौता ज्ञापन, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन क्षेत्र में 14955 करोड़ रुपए निवेश की क्षमता वाले 192 समझौता ज्ञापन जबकि आवासीय क्षेत्र में 12277 करोड़ रुपए के निवेश के लिए 31 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार का ध्येय है कि हिमाचल को स्वावलम्बी राज्य बनाने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार के अपार अवसर उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 1804.71 करोड़ रुपये निवेश के 10 समझौता ज्ञापन, परिवहन क्षेत्र में 2745 करोड़ रुपए निवेश के लिए 8 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुए हैं। इसी प्रकार शहरी विकास क्षेत्र में 22 समझौता ज्ञापन हुए हैं जिनसे 5392.86 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित होगा। आयुर्वेद क्षेत्र में 35 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं, जिनके माध्यम से राज्य में 972.25 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयुष नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की है, जिसके अंतर्गत लोगों को आयुष अस्पतालों और औषधालयों के माध्यम से किफायती दरों पर आयुष सेवाएं उपलब्ध होंगी। इस नीति के अंतर्गत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है। इस नीति के तहत आयुष थेरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए पूंजी सब्सिडी पर 25 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, जो अधिकतम एक करोड़ रुपए तक हो सकता है। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा तथा ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा जो प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख रुपये होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 वर्षों के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोजग़ार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी तथा चयनित परियोजनाओं में लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नई आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम नीति-2019 भी तैयार की है ताकि हिमाचल प्रदेश को इन क्षेत्रों में निवेश के लिए देश का प्रमुख क्षेत्र बनाया जा सके। इस नीति में अधोसंरचना प्रोत्साहन प्रणाली विकसित करने की परिकल्पना की गई है जो आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।