CM जयराम का लोक भवन बनाने का ड्रीम प्रोजैक्ट लटका

Edited By Ekta, Updated: 15 Feb, 2019 10:31 AM

cm jairam hangs dream project to build public building

हिमाचल की ग्राम पंचायतों में 5 लाख रुपए या इससे अधिक के विकास कार्यों के लिए टैंडरिंग प्रक्रिया का निर्णय घातक साबित होने लगा है। पंचायतों में कई बड़े प्रोजैक्ट लटक गए हैं तो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थापित होने वाले लोक भवनों के निर्माण का...

हमीरपुर (पुनीत शर्मा): हिमाचल की ग्राम पंचायतों में 5 लाख रुपए या इससे अधिक के विकास कार्यों के लिए टैंडरिंग प्रक्रिया का निर्णय घातक साबित होने लगा है। पंचायतों में कई बड़े प्रोजैक्ट लटक गए हैं तो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थापित होने वाले लोक भवनों के निर्माण का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजैक्ट भी सपना ही बन गया है। पंचायतों में यह निर्णय केवल प्लानिंग के विकास कार्यों के लिए है, जबकि मनरेगा में पंचायत प्रतिनिधि किसी भी स्तर तक के कार्य खुद करवा सकते हैं तथा केंद्र सरकार ने यह प्रावधान रखा हुआ है लेकिन प्लानिंग के कार्यों में पंचायतों पर भरोसा न होना पंचायतों के विकास का पहिया रोक रहा है। 

हालत ऐसी है कि 5 लाख या इससे अधिक के कार्यों के लिए प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग में मात्र 3 अधिशासी अभियंता और तकरीबन 30 सहायक अभियंता हैं, जिनके पास 3226 ग्राम पंचायतों का जिम्मा है। जानकारी के अनुसार 5 लाख की अधिसूचना को आए 5 माह बीत गए हैं। अब विकास कार्यों के लिए टैंडर अधिशासी अभियंताओं द्वारा आमंत्रित करने हैं। परिणाम यह है कि पूरे हिमाचल में अब तक 5 लाख रुपए या इससे अधिक राशि से होने वाले विकास कार्य टैंडरिंग के मकड़जाल में लटक गए हैं। कई ब्लाकों में सारी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बावजूद लोक भवनों का निर्माण कार्य पैंडिंग पड़ा है। पंचायत प्रतिनिधियों की मानें तो टैंडरिंग से होने वाले कार्यों की दर मात्र 20 प्रतिशत है, जबकि पंचायतों की दर 70 प्रतिशत बैठ रही है।

पंचायती राज वित्त नियमों को धो डाला

पंचायती राज वित्त नियमों में यह प्रावधान है कि पंचायत खुद निर्धारित करेगी कि 5 लाख से ऊपर के कार्यों को टैंडर से करवाना है या खुद। यह स्थानीय लोगों को रोजगार देने व पंचायती राज व्यवस्था की मूल अवधारणा थी, लेकिन विभाग की एक अधिसूचना ने इस नियम को भी नीचे कर दिया। वहीं भाजपा ने विस चुनावों से पहले वर्ष 2017 में विजन डॉक्यूमैंट जारी करके ग्राम सभाओं को अधिक शक्तियां देने की घोषणा की थी। ई-टैंडरिंग के प्रावधान के लिए केवल इस एक्ट को साइड कर दिया, बल्कि विजन डॉक्यूमैंट को भी नकार दिया।

10 लाख से ऊपर के कार्यों में लगे टैंडर, हर ब्लाक में एक एस.डी.ओ. की नियुक्ति

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि 5 लाख से ऊपर टैंडरिंग से ही कार्य करवाने वाली अधिसूचना को सरकार तुरंत वापस ले तथा पंचायती राज वित्त नियमों को बहाल किया जाए। यदि सरकार चाहती है कि बड़े कार्य टैंडरिंग से हों तो 10 लाख से ऊपर के कार्यों में टैंडर आमंत्रित किए जाएं। हरेक ब्लाक में एक सहायक अभियंता हो, ताकि टैस्ट चैक में दिक्कत न आए।






 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!