दुकान की सफाई करते मिली नोटों की गड्डी, पेश की ईमानदारी की मिसाल

Edited By Ekta, Updated: 04 Dec, 2018 05:05 PM

cleaning shop got it banknotes

रोजाना की तरह सुबह-सवेरे दुकान खोलने के बाद सफाई में जुटे दुकानदार ने जैसे ही झाडू लगाना शुरू किया तो उसके आगे भारी कागज का पैकेट आड़े आ गया। जब उसने पैकेट उठाया तो उसमें रखे पैसों को देखकर वह हैरान रह गया। लेकिन पैसों से भरे पैकेट को देखकर भी...

करसोग (यशपाल): रोजाना की तरह सुबह-सवेरे दुकान खोलने के बाद सफाई में जुटे दुकानदार ने जैसे ही झाडू लगाना शुरू किया तो उसके आगे भारी कागज का पैकेट आड़े आ गया। जब उसने पैकेट उठाया तो उसमें रखे पैसों को देखकर वह हैरान रह गया। लेकिन पैसों से भरे पैकेट को देखकर भी दुकानदार का ईमान नहीं डोला तथा कड़ी मशक्कत करने के बाद उसने उसके असली मालिक को सौंप दिया। मामला उपमंडल करसोग के ऐतिहासिक गांव पांगणा से जुड़ा हुआ है। दामोदर दास मतिधर शर्मा की दुकान का संचालन कर रहे डा. जगदीश शर्मा की उपस्थिति में दुकान पर कार्यरत भाग चंद ठाकुर को झाडू लगाते वक्त पैसों से भरा पैकेट मिला। जब इसे खोलकर देखा गया तो उसमें तकरीबन 25 हजार रुपए थे।

दुकान की सफाई करते समय कूड़े में मिले थे पैसे

इतनी राशि दुकान के कूड़े में मिलने पर इन्हें चिंता सताने लगी कि इनको इसके असली मालिक तक कैसे पहुंचाया जाए? सच्चे त्याग और कर्मयोग के मार्ग पर चलते उन्होंने पैसों के असली मालिक को ढूंढ़ निकाला। छानबीन करने पर मालूम हुआ कि यह राशि पांगणा पंचायत के करसाणा गांव निवासी देवीसिंह ठाकुर की है। इन्होंने व्यापार मंडल पांगणा के युवा प्रधान सुमित गुप्ता व व्यापार मंडल के वरिष्ठ सदस्य गौरव चौहान की उपस्थिति में उनकी पहचान बताकर न केवल देवीसिंह ठाकुर को पैसों से भरा पैकेट लौटाया बल्कि इस अद्वितीय कार्य के लिए लोगों की असीम श्रद्धा के पात्र भी बने। इस विषय में देवीसिंह ठाकुर ने स्नेहयुक्त और सदभावना पूर्ण सहायता के लिए आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वह शुक्रवार के दिन पांगणा गए थे। घर वापिस लौटने पर मालूम हुआ कि जेब में रखा पैसों से भरा पैकेट कहीं गिर गया है। जिसके चलते उनके होश उड़ गए।

25 हजार रुपए की राशि असली मालिक तक पहुंचाई

रविवार रात दुकान में कार्यरत भागचंद ने पैसों से भरे पैकेट के बारे बताया तो राहत महसूस हुई। बकौल देवी सिंह ठाकुर तकरीबन 4 दिन के बाद दुकान पहुंचकर 25 हजार रुपए की राशि दुकानदार ने उन्हे सौंप दी है तथा इस पुनीत कार्य के लिए वह सदा उनके आभारी रहेंगे। एस.डी.एम. को पैकेट सौंपने की थी तैयारी - डा. जगदीश ईमानदारी की मिसाल बनकर उभरे डॉक्टर जगदीश शर्मा ने बताया कि उन्होंने यह राशि अपने पास सुरक्षित रख ली थी तथा उम्मीद कर रहे थे कि भगवान की कृपा रही तो अवश्य इस राशि का मालिक तलाशते हुए दुकान तक पहुंचेगा। अन्यथा इसे एस.डी.एम. करसोग को सौंप दिया जाएगा। उन्होने बताया मेरे लिए यह बहुत संतोषप्रद क्षण रहा कि अंतत: प्रभु कृपा से इस राशि का मालिक हमारे पास पहुंच गया जिसे खोई हुई राशि लौटाकर मानवता के प्रति हमारा कर्तव्य पूरा हो गया। आखिर मन-वचन और कर्म से भलाई के लिए ही तो यह शरीर ईश्वरीय कृपा से प्राप्त हुआ है।

 

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