बच्चों को ट्रिप्प ले जाने के बहाने निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से लूट रहा मोटी रकम

Edited By Ekta, Updated: 18 Mar, 2019 02:58 PM

children under the pretext of carrying on tripp loot private school management

ट्रिप्प के नाम पर निजी स्कूलों ने अब बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर डाका डालना शुरू कर दिया है। बच्चों को ट्रिप्प पर ले जाने के बहाने निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने में लग गए हैं। स्थिति यह है कि ट्रिप्प के नाम पर हजारों रुपए लिए...

शिमला (अम्बादत): ट्रिप्प के नाम पर निजी स्कूलों ने अब बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर डाका डालना शुरू कर दिया है। बच्चों को ट्रिप्प पर ले जाने के बहाने निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने में लग गए हैं। स्थिति यह है कि ट्रिप्प के नाम पर हजारों रुपए लिए जा रहे है। निजी स्कूल प्रबंधन ये सब ट्रेवल एजैंटो की मदद से कर रहे है। निजी स्कूल व ट्रेवल एजैंट की मिली भगत के चलते ये सब हो रहा है और अभिभावक इस सब को लेकर परेशान है। 

आलम ये है कि निजी स्कूल बच्चों को ट्रिप्प पर ले जाने के लिए अढ़े हुए है और यदि कोई अभिभावक अपने बच्चों को ट्रिप्प पर नहीं भेजना चाहता है तो उन पर निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा दबाव डाल जा रहा है। यहां तक की अभिभावकों को उनके बच्चों को स्कूल से निकाले जाने तक की चेतावनी दी जा रही है। अभी तक निजी स्कूलों की मनमानी फीस से अभिभावक परेशान थे, लेकिन अब ट्रिप्प के नाम पर भी हजारों रुपए स्कूल प्रबंधन की ओर से अभिभावकों से मांगे जा रहे है। ट्रेवल एजैंटो की मिली भगत से निजी स्कूल बच्चों से ट्रिप्प के नाम पर मोटी रकम ऐंठ रहे है।

निजी स्कूलों ने बच्चों को लुटने का नया तरीका अपना लिया है। पिछले वर्षों में निजी स्कूल बच्चों को घूमाने के लिए ले जाते थे, मगर इतनी पैसे नहीं लेते थे, जो इस बार बच्चों से लिए जा रहे है। इसके अतिरिक्त निजी स्कूलों ने अपने प्रोस्पैक्ट्स में इस बार पहले ही ट्रिप्प की फीस को दर्शाया है तथा बच्चों को ट्रिप्प लगाने के लिए बाध्य किया गया है। प्रोस्पैक्ट्स में साफ दर्शाया गया है कि स्कूल से साल में तीन ट्रिप्प लगाए जाने है। इन तीनों ट्रिप्प में से बच्चों को एक ट्रिप्प लो लगाना ही पड़ेगा। यदि कोई भी बच्चा स्कूल के ट्रिप्प को नहीं लगाता है तो उसे स्कूल से निकाला जाएगा। इस तरह के तुगलक फरमान से साफ हो गया है कि निजी स्कूलों की ट्रेवल एजैंटो से सांठ गांठ है। जिसके कारण बच्चों के अभिभावकों को लूटा जा रहा है। 

एक ट्रिप्प के बच्चों से लिए जाए रहे 30 से 35 हजार

ट्रैवल एजेंटो व निजी स्कूलों की सांठगांठ के चलते बच्चों से एक ट्रिप्प के 30 से 35 हजार रुपए लिए जा रहे है। निजी स्कूल बच्चों को ट्रिप्प पर दूर दराज के राज्य में ले जाता है ताकि बच्चों के अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जाए। निजी स्कूल विभिन्न कक्षा के बच्चों से ट्रिप्प का अलग-अलग पैसा वसूल रहा है। ट्रिप्प पर बच्चों को जहां ले जा रहे वहां पर एक कमरे में पांच से दस बच्चों को ठहराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यदि शिमला के पर्यटक स्थलों पर भी बच्चों को ले जा रहे है तो एक दिन के 15 से 25 सौ रुपया वसूला जा रहा है।

सरकार की नाक तले लूटे जा रहे अभिभावक

प्रदेश सरकार निजी स्कूलों द्वारा भारी भरकम फीसों के बाद अब ट्रिप्प के नाम पर अभिभावकों को लूटा जा रहा है। अभिभावकों को लुटने का काम निजी स्कूल सरकार के सामने कर रहे है। प्रदेश सरकार अभिभावकों को लुटता हुआ देखकर मूकदर्शक बनी हुई है। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी सरकार को कार्रवाई करने के आदेश दिये थे, लेकिन सरकार ने अभी तक निजी स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक मंच सडक़ों पर उतरा

निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी लुट के खिलाफ अभिभावक मंच सडक़ों पर उतर चुका है। अभिभावक मंच ने प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर कार्रवाई करने की मांग की है। इसको लेकर अभिभावक मंच उपायुक्त शिमला, शिक्षा निदेशक व शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंप चूका है, मगर निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभी तक सरकार व प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है।

क्या कहते है प्रदेश के राजनीतिक दल

निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा मंत्री ने बीते वर्ष बड़े-बड़े ब्यान दिए थे, मगर उन ब्यानों का जमीनी स्तर पर कोई असर देखने को मिला। सरकार की नाकामी के चलते निजी स्कूल आज खुलेआम अभिभावकों लूट रहे है। निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी का कांग्रेस पूर जोर विरोध करती है।

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