Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Sep, 2017 05:14 PM
कांग्रेस पार्टी अगर नेहरू परिवार के फोबिया से बाहर निकल कर चंबा के मैडीकल कॉलेज का नाम इसकी रियासत के किसी राजा के नाम पर रखती तो प्रदेश सरकार चंबावासियों का दिल जीतने में कामयाब हो जाती।
चंबा: कांग्रेस पार्टी अगर नेहरू परिवार के फोबिया से बाहर निकल कर चंबा के मैडीकल कॉलेज का नाम इसकी रियासत के किसी राजा के नाम पर रखती तो प्रदेश सरकार चंबावासियों का दिल जीतने में कामयाब हो जाती। जनहित संगठन जिला चंबा के संयोजक शादी लाल शर्मा व प्रधान किशोर शर्मा ने जारी अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह बेहद हर्ष की बात है कि जिला चंबा को चिकित्सा क्षेत्र का इतना बड़ा तोहफा सरकार ने दिया है लेकिन इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि रियासत काल में चंबा को पूरे विश्व में स्मार्ट सिटी के रूप में ख्याति दिलाने वाले यहां के राजाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह बात और है कि आजादी के बाद चंबा रियासत का समावेश होने से यह जिला विकास की दृष्टि से धीरे-धीरे पिछड़ता गया और आज स्थिति यह है कि प्रदेश के 12 जिलों में सबसे पिछड़े जिलों की सूची में इसका पहला नाम आता है।
चंबा मैडीकल कॉलेज राजाओं की देन
चंबा जनहित संगठन ने कहा कि वर्तमान में चंबा मैडीकल कॉलेज जिस भवन में चल रहा है, वह भी चंबा के राजाओं की देन है। अगर यह भवन नहीं होता तो चंबा मैडीकल कॉलेज शायद ही खुल पाता। शर्मा ने कहा कि अखंड चंडी महल को चंबा रियासत के राजा राज सिंह ने बनवाया था। आज इसी भवन को मैडीकल कॉलेज की कक्षाएं बिठाने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार द्वारा इस बात पर गौर करते हुए खुद को नेहरू परिवार की परिधि से बाहर निकालकर इस कॉलेज का नाम चंबा के विकास प्रिय राजाओं के नाम पर रखा जाता तो नि:सन्देह प्रदेश सरकार जिलावासियों के दिलों को जीतने का काम करती। ऐसे में चंबा जनहित संगठन सरकार से यह मांग करता है कि इसके विकास को राजाओं के नाम किया जाए।