Edited By prashant sharma, Updated: 21 Nov, 2020 06:09 PM
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एक के बाद एक संपति को निजी हाथों में देने पर आमदा हुई हैं।
हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एक के बाद एक संपति को निजी हाथों में देने पर आमदा हुई हैं। पहले अधिकतर जनहित के सरकारी उपक्रम निजी हाथों में सौंपने के बाद अब अस्पतालों को भी प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में विधायक राणा ने कहा कि केंद्र सरकार देश की अकूत संपत्ति बेचने पर आमदा है और हिमाचल सरकार ऋण लेकर प्रदेश को गिरवी रखने की तैयारी कर रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि काठ की हांडी खुली हो तो खुद ही शर्म करनी चाहिए। अच्छे दिन क्या हैं, सरकार यह भी बताए। अस्पतालों को निजी हाथों में लेकर सरकार किसका इलाज करवाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबी मिटाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार अब गरीबों को ही देश के मानचित्र से मिटाने की तैयारी कर रही है। यही हाल रहा तो देश दोबारा गुलामी की जंजीरों में जकड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा पूर्व प्रदेश कांग्रेस सरकारों को कोसती थी कि लोन पर सरकार चल रही है और अब लोन लेने की सारी हदें पार कर दी हैं। प्रदेश को गिरवी रखने की यह भी चाल लग रही है, क्योंकि केंद्र सरकार पहले ही देश के सरकारी उपक्रमों को अपने चहेते चंद उद्योगपतियों के हाथों सुपुर्द कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उद्योगपतियों ने ही सरकार चलानी है और सरकार से सरकारी उपक्रम नहीं चलाए जा रहे तो सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए, जबकि यही हाल प्रदेश सरकार का है, जोकि ऋण पर चल रही है।
उन्होंने सवाल उठाया कि अब सरकार क्यों ऋण ले रही है, क्योंकि ऋण लेने के आरोप कांग्रेस पर लगाती थी। अब क्यों अपने संसाधनों से कमाई नहीं कर पा रही है। क्या सत्ता की लालसा में ही आरोप लगाना भाजपा की आदत बन चुकी है। उन्होंने कहा कि लाखों खर्च कर आयोजित की गई इन्वेस्टर मीट के लाभ ही सरकार गिना देती तो प्रदेश की जनता को थोड़ा सुकून मिलता, लेकिन वो भी फ्लाप साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इन दिनों शादी-समारोहों का समय चला हुआ है, लेकिन समारोहों में भी चर्चे केंद्र व प्रदेश सरकार की नाकामियों व इनकी अंदरूनी लड़ाई के ही सुनने को मिलते हैं।