Edited By Vijay, Updated: 13 Dec, 2023 08:48 PM
सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह और राजगढ़ की कई पंचायतों में बूढ़ी दिवाली (मशराली) पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मशाल जुलूस निकाले गए। इसमें गांवों के सैंकड़ों लोग शामिल हुए।
संगड़ाह (ब्यूरो): सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह और राजगढ़ की कई पंचायतों में बूढ़ी दिवाली (मशराली) पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मशाल जुलूस निकाले गए। इसमें गांवों के सैंकड़ों लोग शामिल हुए। लोगों ने एक-दूसरे को दिवाली की बधाई दी। कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। बूढ़ी दिवाली (मशराली) पर चाड़ना चेष्टा कला मंच राजगढ़ ने मेहन्द्र हाब्बी की अगुवाई में पूरी रात दर्शकों का मनोरंजन किया। विजेश्वर नवयुवक मंडल द्वारा चाड़ना में सांस्कृतिक संध्या का आयोजना किया गया। जाने-माने कारोबारी व मौजूदा सरकार में योजना बोर्ड के सदस्य विनोद कंठ ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस मौके पर रंजन सिंह, नवयुवक मंडल प्रधान शशिपाल छिंटा व प्रधान कमलेश उर्फ बिट्टू वर्मा आदि मौजूद रहे।
सदियों से चली आ रही परंपरा
गिरिपार के कई इलाकों में यह पर्व दो-तीन दिनों तक मनाया जाएगा। क्षेत्र में खुशहाली की कामना के लिए और भूत प्रेत आदि भगाने के लिए मशाल यात्रा निकाली जाती है ताकि गांव पर कोई बुरा साया न पड़े। क्षेत्र में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। बूढ़ी दिवाली के दौरान यहां पर विशेष रूप से पहाड़ी व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं। इसमें असकली, घेंडा (मीठा आटा), बेढ़ोली, उलोले, गुलगुले, मूड़ा, तेलवा, शाकुली, तिल, भागंजीरा, चौलाई लड्डू व सूखे मेवे आदि शामिल हैं।
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