Edited By Vijay, Updated: 17 Feb, 2024 11:04 PM
लेह से जांस्कर होते हुए वाहन शनिवार को लोगों को लेकर मनाली पहुंचे। बीआरओ की बदौलत लेह-लद्दाख व जांस्कर से फरवरी महीने में पहली बार लोगों को यह सुविधा मिली है।
मनाली (सोनू): लेह से जांस्कर होते हुए वाहन शनिवार को लोगों को लेकर मनाली पहुंचे। बीआरओ की बदौलत लेह-लद्दाख व जांस्कर से फरवरी महीने में पहली बार लोगों को यह सुविधा मिली है। शिंकुला के मनाली से जुड़ने के बाद जांस्कार घाटी के लोगों को सर्दियों में भी घाटी से बाहर निकलने का समय मिल गया है। 16580 फुट ऊंचा शिंकुला दर्रा बहाल होने से जांस्कर सहित लेह-लद्दाख के हजारों लोगों को राहत मिली है।
बीआरओ की मानें तो शिंकुला दर्रे में टनल का निर्माण होने से जांस्कर सहित लेह-लद्दाख के लोगों को ओर सुविधा मिलेगी। जांस्कर सहित लेह-लद्दाख के लोगों का मनाली से गहरा नाता है। उनके अधिकतर परिजन भी कुल्लू-मनाली में रहते हैं। जांस्कर घाटी के लोगों के नजदीकी शहर भी कुल्लू-मनाली ही है। लेह-लद्दाख से मनाली पहुंचे वाहन चालक फुंचोग ने बताया कि 5 गाड़ियां लोगों को लेकर मनाली पहुंच गई हैं। उधर, बीआरओ योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर कर्नल विकास गुलिया ने बताया कि कुछ ही महीनों में शिंकुला टनल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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