Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Oct, 2017 02:27 PM
हिमाचल विधानसभा चुनावों की कभी भी आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में राजनीतिक दलों में टिकटों के आवंटन को लेकर घमासान मच गया है।
शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनावों की कभी भी आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में राजनीतिक दलों में टिकटों के आवंटन को लेकर घमासान मच गया है। बीजेपी के लिए इसकी राह हर गुजरते दिन के साथ मुश्किल होती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कांगड़ा जिले में टिकटों को लेकर सर्वाधिक घमासान मचा है। किसी भी सीट पर आधा दर्जन से कम दावेदार नहीं हैं। इस बार प्रत्याशी चयन प्रक्रिया साल 2012 के मुकाबले बिल्कुल अलग है। अब प्रदेश लीडरशिप की जगह केंद्रीय नेतृत्व ही इसकी अंतिम सूची तय करेगा। उधर, प्रचार अभियान को हल्का सा विराम देकर पार्टी अब प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में जुट गई है। हालांकि, बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के अधीन चयन समिति गठित कर दी है।
एक हफ्ते के अंदर बीजेपी टिकटों पर पूरा करेगी होमवर्क
बीजेपी आचार संहिता के एक हफ्ते के अंदर टिकटों पर होमवर्क पूरा करेगी। प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय की टीमें अपने स्तर पर हर विधानसभा का निरीक्षण कर रही है। हर विधानसभा क्षेत्र में तीन मजबूत प्रत्याशियों की लिस्ट चुनाव प्रबंधन में लगी यह टीम तैयार कर रही है। आचार संहिता के तुरंत बाद दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रत्याशी चयन को लेकर बैठक लेंगे। जिन सीटों पर दावेदारों की संख्या अधिक है, वहां बागियों को टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय चुनाव में उतरने का खतरा बरकरार है।