बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में झंडा रस्म के साथ चैत्र मास मेले शुरू

Edited By Vijay, Updated: 14 Mar, 2024 06:42 PM

baba balak nath temple deotsidh

उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बाल योगी बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में वीरवार को पूजा-अर्चना, हवन और झंडा रस्म के साथ चैत्र मास मेलों का शुभारंभ हजारों भक्तों की मौजूदगी में हो गया। डीसी हमीरपुर अमरजीत सिंह ने मंदिर के मुख्य धूने में...

दियोटसिद्ध (सुभाष): उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बाल योगी बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में वीरवार को पूजा-अर्चना, हवन और झंडा रस्म के साथ चैत्र मास मेलों का शुभारंभ हजारों भक्तों की मौजूदगी में हो गया। डीसी हमीरपुर अमरजीत सिंह ने मंदिर के मुख्य धूने में पूजा-अर्चना और हवन कर ध्वजारोहण की रस्म अदा की। इस अवसर पर मंदिर के गद्दीनशीन महंत राजेंद्र गिरि, एसपी पदम सिंह, एडीसी मनेश यादव, डीएसपी बड़सर सचिन हिरेमठ, एसडीएम डाॅ. रोहित शर्मा, एसएचओ प्रवीण राणा, मंदिर अधिकारी धर्मपाल नेगी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे। झंडा रस्म पूरी होते ही मंदिर परिसर और शिवालिक की पहाड़ियां दूधाधारी और पौणाहारी के जयकारों से गुंजायमान हो गईं। 14 अप्रैल तक चलने वाले चैत्र मास मेलों के पहले दिन हजारों की संख्या में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और देश-विदेश से श्रदालु बाबा जी के दरबार में पहुंचे तथा बाबा की गुफा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
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सराय व होटल पैक, भक्तों ने पंडाल में बिताई रात
चैत्र मास मेलों के आगाज पर झंडा रस्म में शरीक होने के लिए हजारों की संख्या में भक्त बुधवार को ही मंदिर में पहुंच चुके थे। हालांकि होटल और सराय पूरी तरह पैक हो चुके थे फिर भी बाबा के भक्तों ने पंडाल और बकरा स्थल पर रात काट कर झंडा रस्म का इंतजार किया।
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बनारसी दास के वंशजों ने किया ध्वजारोहण
बाबा बालक नाथ के परम भक्त बनारसी दास के वंशज चकमोह निवासियों ने वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए रोट-प्रसाद की टोकरियाें और ध्वज के साथ गुफा में ध्वजारोहण किया। चकमोह निवासियों ने शास्त्री नगर चकमोह से बाबा की गुफा तक लगभग अढ़ाई किलोमीटर का सफर नंगे पांव चल कर नाचते-गाते बाबा जी की मूर्ति को पालकी में बिठा कर पूरा किया। बताते चलें कि मंदिर न्यास के गठन से पहले मंदिर की देखरेख और मेलों के संचालन का पूरा जिम्मा इन्हीं के पास हुआ करता था लेकिन मंदिर न्यास के गठन के बाद भी पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए हर वर्ष चकमोह निवासियों द्वारा झंडा रस्म की अदायगी पूरे विधि-विधान व धूमधाम से की जाती है।

24 घंटों में आधे घंटे के लिए बंद रहेगा मंदिर
साफ-सफाई के लिए आधा घंटा बंद रहने के बाद दर्शनों के लिए मंदिर दिन-रात खुला रहेगा। डीसी अमरजीत सिंह ने बताया कि सुबह-शाम सफाई के चलते आधा घंटा मंदिर को बंद रखने के अलावा दिन-रात भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुले रहेंगे ताकि भक्त अपनी सुविधा के अनुसार बाबा जी की गुफा के दर्शन कर सकें। भक्तों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने और किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर तरह के प्रबंध किए गए हैं।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा, जवाबदेही भी तय
चैत्र मास मेलों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात कर दिए गए हैं। एसडीपीओ सचिन हिरेमठ ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चाक-चौबंद किया गया है। 300 के करीब पुलिस और होमगार्ड जवानों को दिन-रात तैनात किया गया है और ड्यूटी के साथ ही उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखने में पुलिस का सहयोग करें। अगर किसी तरह की कोई असुविधा हो तो तुरंत पुलिस या होमगार्ड जवान से संपर्क करें।

परिवहन निगम ने चलाईं विशेष मिनी बसें
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिवहन निगम हमीरपुर द्वारा शाहतलाई से बाबा बालक नाथ मंदिर तक मिनी बसों का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बस स्टैंड से ऊपरी बाजार तक दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए दिन-रात फ्री टैक्सी सुविधा का प्रावधान किया गया है।

भिक्षावृत्ति पर पूर्णतया रोक
मेलों के दौरान भिखारी भी हर जगह बाबा के नाम पर तरह-तरह के हथकंडे अपना कर भक्तों को परेशान करते हैं। ऐसे लोगों पर प्रशासन कड़ी नजर रखेगा। बिना अनुमति लंगर लगाने और खुले में लंगर लगाने पर पूर्णतया रोक लगा दी है। अगर फिर भी अवहेलना की जाती है तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा पॉलीथीन के प्रयोग पर भी पूर्णतया रोक रहेगी।

महंत राजेंद्र गिरि ने श्रद्धालुओं को दीं शुभकामनाएं
बाबा बालक नाथ के गद्दीनशीन महंत श्रीश्री राजेंद्र गिरि महाराज ने चैत्र मास मेलों की सभी भक्तजनों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि चैत्र मास में हर दिन का उतना ही महत्व होता है, जितना कि भक्त शनिवार और रविवार को मानते हैं। चैत्र मास में अक्सर रविवार को भक्तों की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है, जिससे भक्तों को लाइनों में लगकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए भीड़ से बचें और चैत्र मास के किसी भी दिन आराम से बाबा जी की गुफा के दर्शन करें।
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