आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्पर्ज ने मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

Edited By Kaku Chauhan, Updated: 24 Sep, 2021 04:35 PM

anganwadi workers and helpers staged a sit in protest over the demands

आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्पर्ज यूनियन ने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता व हैल्पर्ज संबंधित सीटू के आह्वान पर किया गया। इस मौके पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले चम्बा शहर में एक...

चम्बा (सुशील): आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्पर्ज यूनियन ने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता व हैल्पर्ज संबंधित सीटू के आह्वान पर किया गया। इस मौके पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले चम्बा शहर में एक रैली निकाली। यह रैली चौगान से शुरू हुई। इसमें काफी संख्या में आंगनबाडी वर्कर व हैल्पर्ज ने भाग लिया। रैली पूरे बाजार की परिक्रमा करने के बाद डी.सी. ऑफिस पहुंची। यहां पर ए.डी.एम. अमित मैहरा के माध्यम से सी.एम. व पी.एम. को ज्ञापन भेजा। प्रोजैक्ट भरमौर की सरोज देवी, चम्बा की कंचन, मैहला की दर्शना, रेखा देवी, बीना आदि ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार लंबे समय से आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता एवं हैल्पर्ज की मांगों के प्रति संवेनहीन रवैया अपनाए हुए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता एवं हैल्पर्ज की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जाए।

6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य वर्तमान में आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। प्री-प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता को दिया जाए। वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। वह ही अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन का संचालन कर रहे हैं। इसलिए उनकी नियमित नियुक्ति की जाए। इसकी एवज में उनका वेतन बढ़ाया जाए। हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता को 11,500 रुपए व हैल्पर्ज को 5,500 रुपए मासिक मानदेय दिया जाए। हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता एवं हैल्पर्ज का वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए। केंद्र सरकार द्वारा तत्काल पोषण ट्रैकर ऐप पर रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार द्वारा तत्काल डी.बी.टी. योजना पर रोक लगाई जाए। हिमाचल प्रदेश में वेदांता कंपनी प नंद घरों के माध्यम से निजीकरण पर रोक लगाई जाए। नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए। यह न केवल छात्र विरोधी है बल्कि आई.सी.डी.एस. विरोधी भी है।

उन्होंने बताया कि 2021 के आई.सी.डी.एस. बजट में की गई 30 प्रतिशत की कटौती को वापस लिया जाए। 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए 3 हजार रुपए पैंशन, दो लाख रुपए ग्रैच्युटी, मैडीकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों की रिटायरमैंट उम्र 65 वर्ष की जाए। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत वर्कर्ज को अन्रू आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को समान वेतन दिया जाए। उन्हें पूर्ण आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता का दर्जा दिया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को 2013 का नैशनल रूरल हैल्थ मिशन के तहत किए गए कार्य की बकाया राशि का भुगतान तुरंत किया जाए। आंगनबाड़ी योजना में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) योजना को लागू न किया जाए। आंगनबाड़ी केंदों में बच्चों को ताजा पका हुआ भोजन दिया जाए। देशव्यापी हड़ताल के चलते पूरे देश सहित चम्बा में भी सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे।

 

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