Edited By Ekta, Updated: 06 Oct, 2019 11:49 AM
423 करोड़ रुपए की एकीकृत खुंब विकास परियोजना के वित्त पोषण से एशियन डिवैल्पमैंट बैंक (ए.डी.बी.) ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। राज्य के लिए इसे बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि बागवानी महकमा इस प्रोजैक्ट को धरातल पर उतारने के लिए लंबे समय...
शिमला (देवेंद्र हेटा): 423 करोड़ रुपए की एकीकृत खुंब विकास परियोजना के वित्त पोषण से एशियन डिवैल्पमैंट बैंक (ए.डी.बी.) ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। राज्य के लिए इसे बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि बागवानी महकमा इस प्रोजैक्ट को धरातल पर उतारने के लिए लंबे समय से डी.पी.आर. इत्यादि बनाने में जुटा हुआ था और राज्य सरकार भी इस प्रोजैक्ट का जनता के बीच काफी प्रचार-प्रसार कर चुकी है। तर्क दिया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में पहले ही ए.डी.बी. से मंजूर कई परियोजनाएं चल रही हैं। एक साथ ए.डी.बी. इतनी परियोजनाओं की फंडिंग नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि ए.डी.बी. ने बीते पौने 2 सालों के दौरान हिमाचल को तकरीबन 9,660 करोड़ रुपए के आधा दर्जन प्रोजैक्टों को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी है लेकिन इनकी ज्यादा संख्या को देखते अब जाकर ए.डी.बी. कुछ प्रोजैक्ट्स की फंडिंग को मुकर रहा है। वन विभाग का भी एक प्रोजैक्ट बीते साल ही रद्द कर दिया गया था। अब मशरूम प्रोजैक्ट की फंडिंग भी ए.डी.बी. नहीं करेगा।
200 यूनिट्स स्थापित करने की थी योजना
राज्य सरकार की योजना के मुताबिक एकीकृत खुंब विकास परियोजना के तहत प्रदेशभर में करीब 200 मशरूम यूनिट्स स्थापित किए जाने प्रस्तावित थे। किसानों को इसकी खेती के लिए नई-नई प्रजातियों के मशरूम तथा तकनीक प्रदान करने की योजना थी। सरकार खासकर शिताके जैसे औषधीय गुणों वाले मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के दावे कर रही थी।
अब जायका से फंडिंग का जुगाड़
ए.डी.बी. के मुकरने के बाद राज्य सरकार इस प्रोजैक्ट को फंडिंग के लिए जापान सरकार से बात करेगी। सूत्रों की मानें तो बीते दिनों दिल्ली में इसे लेकर केंद्रीय आर्थिक मामलों के मंत्रालय के साथ बैठक भी हो चुकी है। इसमें राज्य सरकार ने जायका प्रोजैक्ट के तहत एकीकृत खुंब विकास परियोजना की फंडिंग का आग्रह किया है। केंद्र सरकार ने भी इस परियोजना को जापान सरकार के समक्ष उठाने का भरोसा दिया है। जापान सरकार ने जायका द्वितीय चरण प्रोजैक्ट के तहत हिमाचल को 1,104 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट मंजूर कर रखा है। बागवानी विभाग इसी प्रोजैक्ट के साथ 423 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट की मांग उठाना चाह रहा है।