हद हो गई यार, Emergency नंबर पर अश्लील कॉल्स की भरमार

Edited By kirti, Updated: 27 Feb, 2020 09:43 AM

a number of indecent calls at the emergency number

प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं के लिए प्रयोग किए जा रहे टोल फ्री नंबरों पर सेवाएं दे रहे कर्मचारी अश्लील व फेक कॉल्स से परेशान हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन नंबरों पर आ रही अधिकतर फेक कॉल्स नाबालिग बच्चों व युवाओं द्वारा की जा रही हैं।

सोलन : प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं के लिए प्रयोग किए जा रहे टोल फ्री नंबरों पर सेवाएं दे रहे कर्मचारी अश्लील व फेक कॉल्स से परेशान हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन नंबरों पर आ रही अधिकतर फेक कॉल्स नाबालिग बच्चों व युवाओं द्वारा की जा रही हैं। फेक कॉल्स की संख्या इतनी अधिक है कि आपातकालीन नंबरों पर आने वाली प्रत्येक 15 कॉल्स में से 1 कॉल अश्लील या आपत्तिजनक होती है। प्रदेश में आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने वाली जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. ने 108 और 102 नंबरों पर आने वाली कॉल्स का विश्लेषण किया तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इन अश्लील कॉल्स का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। बता दें कि पूरे प्रदेश से इन नंबरों पर आने वाली कॉल्स जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. के सोलन धर्मपुर स्थित कार्यालय में रिसीव की जाती हैं।

जी.वी.के. ने उन नंबरों को भी ट्रेस किया जो बार-बार इन आपातकालीन नंबरों पर फेक कॉल करके अश्लील, अभद्र व आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हैं। इस कारण आपात स्थिति से जूझ रहे उन जरूरतमंदों के नंबर नहीं मिल पाते जिन्हें सहायता की जरूरत होती है। ऐसे में उन तक सहायता पहुंचने में या तो देरी हो जाती है या उन्हें सहायता नहीं मिल पाती है। कई बार तो गलत सूचना देकर भी कॉल आप्रेटर को भ्रमित किया जाता है। प्रदेशभर में ट्रेस किए गए नंबरों में 16 नंबर ऐसे हैं जिनसे 6 महीनों में 100 से अधिक बार फेक कॉल्स आई हैं। 5 नंबर 200 का आंकड़ा पार कर गए, 1 नंबर ऐसा है जिसने 6 महीने में 432 बार फेक कॉल की हैं। एक नंबर ने तो हद ही कर दी 6 महीनों में 746 महीनों में 746 बार कॉल की और कॉल रिसीव करने वाले कर्मचारियों को भी परेशानी में डाल दिया।

ऐसे नंबरों की सूची तैयार
जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. ने ऐसे नंबरों की सूची तैयार की है जिनसे पिछले 6 माह (अगस्त, 2019 से जनवरी, 2020 तक) में 100 से अधिक बार 108 और 102 पर अश्लील व अपमानजनक कॉल्स की गई हैं। यही नहीं, इस दौरान कॉल सैंटर में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने अनावश्यक कॉल्स करने वालों से तुरंत संपर्क करके उन्हें 108 व 102 नंबर के महत्व के बारे व कानूनी कार्रवाई से भी अवगत करवाया लेकिन इसके बाद भी ये फिर से कॉल करने लगते हैं। आपातकालीन नंबरों पर अश्लील व अनावश्यक कॉल्स से होने वाले व्यवधान के बारे में पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा की जाती है और आला अधिकारियों तक इसकी रिपोर्ट की गई है। बार-बार अश्लील कॉल करने वालों की छानबीन करने से पता चला कि अधिकतर कॉल्स नाबालिग बच्चों व युवाओं द्वारा की जा रही हैं। इसके बाद इन नाबालिग बच्चों व युवाओं को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

 

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