Edited By Updated: 22 Mar, 2017 02:09 PM
राज्य के चारों नए मैडीकल कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था से जुड़े हुए विभिन्न पदों पर डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में पसीना बहा रही प्रदेश सरकार ने अब इस अभाव को पूरा करने के लिए अपना आखिरी दांव चल दिया है।
घुमारवीं (राजेश्वर):राज्य के चारों नए मैडीकल कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था से जुड़े हुए विभिन्न पदों पर डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में पसीना बहा रही प्रदेश सरकार ने अब इस अभाव को पूरा करने के लिए अपना आखिरी दांव चल दिया है। राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि अगले एक माह के भीतर चारों कॉलेजों में शिक्षक चिकित्सकों की भर्ती में राज्य सरकार रिटायरमैंट की उम्र अब बढ़ाकर 70 वर्ष करने जा रही है। इस बारे में इस हफ्ते ही सरकार जनहित में मैडीकल कालेजों में डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए यह निर्णय लेने जा रही है।
मैडीकल कॉलेजों की स्थापना को लेकर बोले स्वास्थ्य मंत्री
खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने सरकार के इस संभावित निर्णय का खुलासा करते हुए कहा कि राज्य में मैडीकल कालेजों की स्थापना को लेकर राज्य सरकार हरसंभव कदम उठाने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस वर्ष चम्बा, हमीरपुर व मंडी मैडीकल कालेजों में एम.बी.बी.एस. की कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। हिमाचल प्रदेश में 3 मैडीकल कॉलेजों में पहले वर्ष के सत्र के लिए टीचरों की एम.सी.आई. की ओर से तय की गई संख्या के मुताबिक भर्तियां राज्य सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही हैं।
चिकित्सक न मिलने पर सरकार ने उठाया कदम
एम.सी.आई. की ओर से राज्य के इन तीनों कॉलजों व नाहन स्थित मैडीकल कॉलेज की मान्यता को लेकर आखिरी मौका दिए जाने के बाद राज्य सरकार के हाथ-पांव फूले हुए हैं। सरकार अब तक तय शर्तों के मुताबिक रिक्तियों को पूरा करने के लिए लगातार भर्तियों के लिए इंटरव्यू आदि का आयोजन कर रही है लेकिन फिर भी सरकार को पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए अब सरकार ने इन मैडीकल कॉलेजों में भर्ती की आयु सीमा अब 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष करने का निर्णय लिया है। अगले कुछ दिनों में इस बारे में राज्य सरकार विधिवत अधिसूचना भी जारी कर सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने बताया कि सरकार ने अब इन मैडीकल कालेजों में डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने रिटायरमैंट की आयु सीमा 70 वर्ष करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले इस तरह के चिकित्सकों की रिटायरमैंट की आयु 65 वर्ष सरकार ने पहले ही कर रखी है।