Edited By Updated: 23 Apr, 2016 05:02 PM
मंहगाई के इस दौर में जहां एक आम आदमी अपनी जिंदगी का गुजारा करने में असफल हैं तो वहीें शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति के लिए अपने परिवार...
हमीरपुर (अरविंदर सिंह): मंहगाई के इस दौर में जहां एक आम आदमी अपनी जिंदगी का गुजारा करने में असफल हैं तो वहीें शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति के लिए अपने परिवार का गुजारा करना कितना कठिन होगा। इस बात का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं।
हम बात कर रहे हैं जिला हमीरपुर के रैल गांव में उतर प्रदेश जिला बंदायू कस्बा ककराला के ओंकार की। जो अपने पैरों पर चलने में अक्षम हैं। बताया जा रहा है कि वह किराए के कच्चे मकान में जीवन बसर कर रहा है। मंहगाई के द्वौर में ओंकार की पत्नी अपने परिवार का पालन पोषण लोगों के घर-घर जाकर घास काट कर रही है। बता दें कि ओंकार दिहाड़ी मजदूरी करता है लेकिन कुछ महीने पहले दिहाड़ी मजदूरी के दौरान हादसे में अपनी दोनों टांगें गवां चुका है उसकी 1 बेटियां, 1 बेटा और 1 पत्नी है।
इस मंहगाई के द्वौर में ओंकार की पत्नी अपनी बच्चों की फीस जुटा पाने में असफल है। शारीरीक रूप से अक्षम ओेंकार ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को भी प्रार्थना पत्र द्वारा अपील भेजी गई है लेकिन अभी तक उसका भी कोई जवाब नहीें मिला है। ओंकार ने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें सहायता प्रदान करे ताकि अपना इलाज करवा सके और अपने परिवार की देखभाल कर सके। ओंकार की बेटी लक्ष्मी ने बताया कि उनके पापा दिहाड़ी मजदूरी का कार्य करते थे लेकिन उनकी टागें टूट जाने से वे काम नहीं कर पाते हैं जिस कारण वे स्कूल नहीं जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें सहायता राशि दी जाए ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।