Edited By Updated: 28 Nov, 2015 12:00 AM
जिला में स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कतई गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है।
करलोटी: जिला में स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कतई गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। विभाग भले ही अस्पतालों में डाक्टरों के रिक्त पदों को भरने में असमर्थता जाहिर कर रहा है लेकिन अस्पतालों में रिक्त चल रहे पदों को समय-समय पर भरना सरकार का ही काम है। लोगों ने विभाग, प्रशासन व सरकार को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि बरठीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शीघ्र रिक्त चिकित्सकों के पदों को नहीं भरा गया तो लोग न केवल बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को विवश होंगे बल्कि अस्पताल में रात को चिकित्सक न मिलने पर अस्पताल में ताला जडऩे पर भी विवश होंगे। अस्पताल में चिकित्सकों के 4 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान समय में मात्र 1 चिकित्सक व एक फार्मासिस्ट अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बरठीं अस्पताल पर क्षेत्र की 25 पंचायतों की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा है लेकिन एक ही चिकित्सक होने से स्वास्थ्य सुविधाएं सही रूप से लोगों को नहीं मिल पा रही हैं।
विधानसभा चुनाव क्षेत्र झंडूता में वर्तमान में बरठीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सबसे पुराना व सबसे अधिक ओपीडी वाला सामुदायिक केंद्र माना जाता है। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों का कहना है कि बरठीं अस्पताल आजादी के पहले का अस्पताल है। इतने लंबे अरसे में दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों भाजपा व कांग्रेस की सरकारें सत्ता में रहीं लेकिन इन सरकारों ने बरठीं अस्पताल की सुध नहीं ली तथा अस्पताल के नाम पर मात्र राजनीतिक रोटियां ही सेंकी। बरठीं अस्पताल पर करीब 50 हजार की आबादी निर्भर है। यदि सरकार 5 वर्ष के कार्यालय में एक-एक सुविधा भी बरठीं अस्पताल को मुहैया करवाती तो आज बरठीं अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस होता।
लोगों का कहना है कि बरठीं में भले ही एक चिकित्सक अपनी अच्छी सूझबूझ के चलते दिन-रात मरीजों की नब्ज टटोलने में जुटा रहता है लेकिन सामाजिक प्राणी होने के नाते उसे भी घरेलू या अस्पताल से संबंधित किसी जरूरी काम से बाहर जाना पड़ता है। चिकित्सक की गैर मौजूदगी में अस्पताल पहुंचने वाले मरीज को फार्मासिस्ट द्वारा जिला अस्पताल रैफर करना उसकी विवशता बन जाती है। जिला में बरठीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल मरीजों को विभाग की तरफ से खाना मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। विभाग 3 व्यक्तियों द्वारा टैंडर भरने की प्रक्रिया पर क्यों अड़ा हुआ है तथा एक टैंडर को क्यों रद्द किया जा रहा है।