Edited By Updated: 27 Aug, 2016 11:37 AM
हिमाचल प्रदेश में एच.आर.टी.सी. प्रबंधन द्वारा चालकों-परिचालकों व समस्त मैकेनिक स्टाफ की कंपनसेटरी लीव समाप्त ...
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में एच.आर.टी.सी. प्रबंधन द्वारा चालकों-परिचालकों व समस्त मैकेनिक स्टाफ की कंपनसेटरी लीव समाप्त करने, चालकों के लिए वेतनमान घटाने तथा इन वेतनों की रिकवरी का फरमान निकाले जाने पर परिवहन कर्मचारी भड़क उठे हैं।
परिवहन मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने इन फरमानों को कर्मचारी व निगम विरोधी करार दिया है तथा कहा कि इन तुगलकी फरमानों से परिवहन कर्मचारियों में प्रबल रोष का स्वर गूंज रहा है। इस सारे मामले पर परिवहन कर्मचारियों ने संघर्ष का मूड बना लिया है।
इस मुद्दे पर 4 सितम्बर को शिमला में बुलाई गई संघ की बैठक में ही संघर्ष की रूपरेखा की घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 14 जून की हड़ताल के बाद सरकार द्वारा चलाए गए दमन चक्र से भड़का कर्मचारियों का आक्रोश अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब इन नए आदेशों ने कर्मचारियों के आक्रोश में जलती आग में घी डालने का काम किया है।
शंकर सिंह ने कहा कि यह सारा खेल परिवहन मंत्री के डर्टी ट्रिक्स सैल का काम है, जो 14 जून को हुई परिवहन कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी सफल हड़ताल से मिली बदनामी का बदला चुकाने के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी चालक व परिचालक को 6 दिन काम करने के बाद नियमानुसार न तो साप्ताहिक अवकाश दिया गया और न ही इसकी कोई व्यवस्था बनाई गई। उन्होंने कहा कि इस अन्याय का परिवहन कर्मचारी पूरे प्रदेश में हर स्तर पर विरोध करेंगे।