Edited By Updated: 27 Sep, 2016 05:01 PM
हिमाचल प्रदेश में बच्चों के बीच फेरबदल करने का मामला सामने आया है। बता दें कि के.एन.एच. में बच्चा बदलने के...
शिमला : हिमाचल प्रदेश में बच्चों के बीच फेरबदल करने का मामला सामने आया है। बता दें कि के.एन.एच. में बच्चा बदलने के मामले में सोमवार को जांच कमेटी ने 26 मई की रात ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स, डॉक्टर, मिड वाइफ और स्वीपर के बयान लिए।
जांच कमेटी ने स्टाफ के बयान आई.जी.एम.सी. के कमेटी रूम में बंद दरवाजे में लिए। कमेटी का कहना है कि चूक कहां हुई है, इसका खुलासा जल्द हो सकता है। इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी है। कमेटी ने बारी बारी स्टाफ के बयानों को सुना। कमेटी इस बड़ी चूक में अहम सुराग को जुटाने में जुटी है।
इस मामले में स्टाफ पर भी कार्रवाई की जा सकती है। बताया जा रहा है कि जांच कमेटी के चेयरमैन डॉ. रमेश चंद हैं। जांच कमेटी से जुड़े सदस्य ने बताया कि उन्हें इसकी रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपनी है। यह मामला कोर्ट में है। पुलिस ने भी बीते दिनों दो अभिभावकों सहित बच्चों का डी.एन.ए. करवाया है। रिपोर्ट के बाद भी बच्चे बदलने की स्थिति कुछ साफ हो पाएगी।
सूत्रों के मुताबिक 26 मई की रात मंडी की रहने वाली महिला ने के.एन.एच. में रात 11:10 पर नवजात को जन्म दिया। महिला को कहा गया कि लड़का हुआ है, लेकिन डिलीवरी के दौरान उन्हें बेटी दे दी गई। दंपति ने अपने स्तर पर 13 जून को अपने स्तर पर डीएनए करवाया। इसकी रिपोर्ट 27 जून को आई। रिपोर्ट नेगेटिव थी। इसके बाद15 जुलाई दंपति ने फिर डीएनए करवाया लेकिन फिर भी रिपोर्ट नेगेटिव रही।
वहीं दूसरी और10 सितंबर को पुलिस ने सभी बच्चों के डीएनए करवाने की बात कही। 19 सितंबर को जिस दंपति पर बच्चा बदलने पर शक था। उस दंपति ने आईजीएमसी में आकर खुद डीएनए टेस्ट करवाया। इस दौरान कुल 4 अभिभावकों तथा 2 बच्चों समेत कुल 6 लोगों के सैंपल लिए।