Edited By Updated: 01 Dec, 2015 10:24 AM
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि सदन चलाने के लिए सरकार भाजपा के रहमोकरम पर निर्भर नहीं है। सरकार के पास बहुमत है तथा सदन की कार्यवाही सही ढंग से चलेगी।
तपोवन (धर्मशाला): मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि सदन चलाने के लिए सरकार भाजपा के रहमोकरम पर निर्भर नहीं है। सरकार के पास बहुमत है तथा सदन की कार्यवाही सही ढंग से चलेगी। विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे तथा वॉकआऊट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तानाशाहीपूर्ण रवैया है व मिसयूज ऑफ डैमोक्रेसी है। पिछले 2 वर्ष से विपक्ष का यही रवैया रहा है। उन्होंने कहा कि जो मामले सब ज्यूडीशियल हैं, उन पर चर्चा नहीं हो सकती, विधानसभा कायदे-कानून से चलती है, यदि विपक्ष को चर्चा करनी है तो वह विकास के मामले पर करे। सदन में कटु चर्चाएं भी होती हैं, लेकिन उसके लिए नियम हैं।
विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के लिए विशेष नियम नहीं तय कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष कीचड़ फैंकने और चरित्रहनन की राजनीति कर रहा है, यदि ऐसा वे सदन से बाहर करेंगे तो उन पर मानहानि का मामला करने पर भी विचार कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ एक विशेष साजिश रची जा रही है, चूंकि विपक्ष की न तो मेरे होते सरकार में और न ही जनता में दाल गलेगी, ऐसे में वह मुझे व्यक्तिगत तौर पर निशाना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं, उनके सूत्रधार प्रेम कुमार धूमल, सांसद अनुराग ठाकुर और उनके परिवार के लोग हैं।
केंद्रीय सरकार का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ विभिन्न जांचें की जा रही हैं, जब सी.बी.आई. ऐसे मामलों पर क्लीनचिट दे चुकी है तो फिर से यह मामले क्यों खोले जा रहे हैं। इसके पीछे राजनीतिक स्वार्थसिद्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धूमल के साथ शिमला में हुई बैठक पुरानी परंपरा के पालन का निर्वहन है। डा. वाई.एस. परमार से लेकर अब तक सदन से पहले पक्ष और विपक्ष के नेता का मिलन एक स्वस्थ परंपरा रही है। नड्डा के सक्रिय होने पर दोनों नेताओं की मुलाकात के संदर्भ में वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि भाजपा में कौन नेता बनता है और कौन नहीं। यह उनका अंदरूनी मसला है लेकिन नेता बनने के लिए पार्टी में जबरदस्त होड़ लगी हुई है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह धूमल की व्यक्तिगत शत्रुता के भुगतभोगी पहले से ही रहे हैं। इससे पहले वह 2 सैशन ट्रायल भुगत चुके हैं तथा अब दिल्ली में उनके खिलाफ झूठे मामलों को लेकर षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। शांता कुमार ने कभी भी व्यक्तिगत छींटाकशी की राजनीति नहीं की, जबकि धूमल मुख्यमंत्री बनने से लेकर यही काम करते आए हैं। विधानसभा में शीतकालीन सत्र के साथ-साथ राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठियों के आयोजन के संकेत भी वीरभद्र सिंह ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा भवन को इसलिए बनाया गया था, ताकि प्रदेश में यूनिटी बरकरार रहे। कांग्रेस सरकार ने न केवल विस भवन बनाया और यहां शीतकालीन सत्र शुरू किए, बल्कि सचिवालय में मंत्रियों को भी समस्याएं सुनने के लिए बिठाया जाता है।