Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Sep, 2017 12:28 AM
बी.एस.एल. नहर में कूदकर जान देने वाली ढावण गांव की महिला परमिंद्र उर्फ पम्मी का अंतिम संस्कार मंगलवार को उसके मायके जोगिंद्रनगर के मच्छयाल में पुलिस निगरानी में किया गया....
सुंदरनगर: बी.एस.एल. नहर में कूदकर जान देने वाली ढावण गांव की महिला परमिंद्र उर्फ पम्मी का अंतिम संस्कार मंगलवार को उसके मायके जोगिंद्रनगर के मच्छयाल में पुलिस निगरानी में किया गया लेकिन इससे पूर्व सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर मृतका के परिजन ससुराल ढावण पहुंच गए और ससुराल के आंगन में जलाने लग पड़े जिसे लेकर खूब खींचतान हुई लेकिन पुलिस और स्थानीय लोगों के प्रयास से वे इसमें सफल नहीं हो पाए। इसके बाद घर के सामने खड्ड में शव जलाने की बात भी रखी गई और उन्होंने आंगन में शव रख विधि-विधान से शव की अरदास की लेकिन उसके बाद मृतका के भाई अपनी बहन का शव अपने घर जोगिंद्रनगर के मच्छयाल ले गए। पंचायत ढावण की प्रधान सरिता देवी ने कहा कि मृतका के मायके पक्ष के लोंगों द्वारा शव को आंगन में जलाने की कोशिश की गई लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
मां के शव को निहारता रहा मासूम
शव लेकर जब मृतका के परिजन ससुराल में पहुंचे तो वहां पम्मी के ससुर की बहन उसके 2 साल के छोटे बेटे को गोद में लेकर बैठी हुई थी। सामने आंगन में मासूम की मां का शव रखा गया था, जिसे मासूम आंखों से निहारता रहा। हालांकि उसके नाना-नानी ने एक बार उसे लेने क ा प्रयास भी किया लेकिन वह गोद से नहीं निकला और अपने पिता के घर में ही रहा। पंचायत प्रधान ने कहा कि पम्मी के भाइयों ने 2 साल के बेटे को भी लेने की कोशिश की है लेकिन वह नहीं गया और घर में ही रहा।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 9 अगस्त को घर से गायब हुई परमिंद्र कौर उर्फ पम्मी (28) पत्नी कुलदीप का शव पुलिस को झील में तैरता हुआ मिला था। वह बी.एससी. नर्सिंग पास थी और उसके 2 बेटे हैं। पुलिस में दर्ज मामले के मुताबिक उसने पति, सास और ससुर द्वारा प्रताडि़त होकर बी.एस.एल. नहर में कूद कर जान दी थी। नहर के साथ उसने मोबाइल, दुपट्टा और 8 पेज का सुसाइट नोट लिख रखा था, जिसमें उसने सारी आपबीती बयान की थी।