वीरभद्र बोले, योजना आयोग के बंद होने से रुकी वित्तीय मदद

Edited By Updated: 29 Mar, 2017 06:34 PM

virbhadra said  financial help stop from the closure of planning commission

बुधवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि योजना आयोग के बंद होने से केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद रुकी है।

शिमला: बुधवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि योजना आयोग के बंद होने से केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद रुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से विभिन्न मदों में जो राशि प्राप्त हुई है, उसका पूरी तरह से उपयोग किया गया है। उन्होंने यह जानकारी विधायक रविंद्र रवि और गुलाब सिंह ठाकुर की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में दी। रविंद्र रवि का कहना था कि सत्ता पक्ष के उन आरोपों में कोई दम नहीं है, जिसमें केंद्र से उदार वित्तीय मदद न मिलने की बात कही गई है। गुलाब सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र से करोड़ों व अरबों की वित्तीय मदद मिल रही है, जिसका विवरण राज्य सरकार को देना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने इस पर कहा कि केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद से जब राज्य सरकार का गुजारा नहीं चलता तो तय नियमों के अनुसार विभिन्न संस्थाओं से विकास कार्य के लिए ऋण लिया जाता है।

सामान्य केंद्रीय सहायता के तहत मिली यह राशि
उन्होंने कहा कि केंद्र से सामान्य केंद्रीय सहायता के तहत जनवरी, 2013 से 31 मार्च, 2013 तक 224.37 करोड़ रुपए, वर्ष 2013-14 में 1458.97 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2014-15 में 1382.72 करोड़ रुपए मिले हैं। इसी तरह विशेष योजना/केंद्रीय सहायता के तहत जनवरी, 2013 से 31 मार्च, 2013 तक 392.37 करोड़ रुपए, वर्ष 2013-14 में 1450.00 करोड़ रुपए और वर्ष 2014-15 में 1350.00 करोड़ रुपए मिले। वित्त आयोगों की सिफारिशों से जनवरी, 2013 से 31 मार्च, 2013 तक 541.05 करोड़ रुपए, वर्ष 2013-14 में 1887.47 करोड़ रुपए, वर्ष 2014-15 में 1108.87 करोड़ रुपए, वर्ष 2015-16 के दौरान 8436.15 करोड़ रुपए और मौजूदा वित्त वर्ष में 15 फरवरी, 2017 तक 8109.97 करोड़ रुपए मिले हैं। विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत केंद्र से जनवरी, 2013 से मार्च, 2013 में 371.35 करोड़ रुपए, वर्ष 2013-14 में 990.34 करोड़ रुपए, वर्ष 2014-15 में 2209.92 करोड़ रुपए, वर्ष 2015-16 में 2326.40 करोड़ रुपए तथा मौजूदा वित्त वर्ष में 15 फरवरी, 2017 तक 2871.65 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार को विभिन्न वित्त एजैंसियों (एक्सटर्नल फंडिंग एजैंसी, नाबार्ड व एन.सी.डी.सी.) से भी धनराशि मिली है।

 बाह्य सहायता योजनाओं के तहत प्राप्त हुई इतनी राशि
 बाह्य सहायता योजनाओं के तहत अनुदान घटक के रूप में जनवरी, 2013 से 15 फरवरी, 2017 तक वित्तीय वर्षों में क्रमश: 312.11 करोड़ रुपए, 541.34 करोड़ रुपए और वर्ष 2014-15 में 1126.12 करोड़ रुपए, 533.81 करोड़ रुपए व 904.63 करोड़ रुपए मिले। बाह्य सहायता योजनाओं के तहत ऋण घटक के रूप में जनवरी, 2013 से 15 फरवरी, 2017 तक वित्तीय वर्षों के दौरान 34.79 करोड़ रुपए, 59.04 करोड़ रुपए, 125.21 करोड़ रुपए, 59.31 करोड़ रुपए व 100.52 करोड़ रुपए तथा इसी अवधि में नाबार्ड के तहत ऋण में 99.45 करोड़ रुपए, 350.00 करोड़ रुपए, 400.00 करोड़ रुपए, 500.00 करोड़ रुपए व 485.75 करोड़ रुपए मिले। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से ऋण के तौर पर जनवरी, 2013 से 31 मार्च, 2013 तक 8.61 करोड़ रुपए, वर्ष 2013-14 में 28.99 करोड़ रुपए, वर्ष, 2015-16 में 44.29 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2015-16 में 37.11 करोड़ रुपए मिले।

मुख्यमंत्री पेश कर रहे गलत तस्वीर : धूमल
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ प्रोपेगंडा करने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि एन.डी.ए. सरकार ने पूर्व यू.पी.ए. सरकार की अपेक्षा अधिक वित्तीय मदद एवं सहायता प्रदान की है।

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