Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Jul, 2017 09:02 PM
विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी में जहां पर आस्था का सैलाब उमड़ रहा है, वहीं श्रद्धालुओं की श्रद्धा भी देखते ही बनती है।
नयनादेवी: विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी में जहां पर आस्था का सैलाब उमड़ रहा है, वहीं श्रद्धालुओं की श्रद्धा भी देखते ही बनती है। जहां आजकल कोई श्रद्धालु घुटनों के बल ज्योति हाथ में लेकर मां के दरबार पहुंच रहा है तो कोई श्रद्धालु पैदल नंगे पांव सैंकड़ों मील का सफर तय करके ज्योति हाथ में लेकर व कोई संैकड़ों किलोमीटर पेट के बल चलकर मां के दरबार पहुंच रहा है। पंजाब से श्रद्धालु निर्भय सिंह जोकि पिंड खाई जिला मोगा का रहने वाला है, एक जत्थे के साथ जहां से पौढिय़ां शुरू होती हैं, वहीं से जोत हाथ में जलाकर घुटनों के बल मां के दरबार में पहुंचा।
माता रानी ने पूरी की मन्नत
निर्भय सिंह का कहना था कि माता रानी ने उसकी मन्नत पूरी की है इसलिए ही मन्नत उतारने के लिए वह घुटनों के बल मां के दरबार पहुंचा। दूसरा श्रद्धालु अरविंद्र सिंह मंगू जोकि पंजाब के धुरी से आया था, यह भी माता की ज्योति जलाकर पैदल नंगे पांव सैंकड़ों मील का सफर तय करके मां के दरबार में पहुंचा। इसका कहना था कि माता रानी स्वयं श्रद्धालुओं को शक्ति प्रदान करती है। एक अनूठी भक्ति का यह अद्भुत नजारा है जिसे आप आजकल श्रावण अष्टमी मेले में मां के दरबार में देख सकते हैं।