Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Feb, 2018 05:17 PM
देव कमरूनाग के गुर (पुजारी) नीलमणी को राजपुरोहित की डांट का सामना करना पड़ा। यह डांट तय समय से 20 मिनट पहले आने को लेकर पड़ी क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ। देव कमरूनाग के स्वागत के लिए राज परिवार के मुखिया दरवाजे पर मौजूद नहीं थे। मंगलवार को देव कमरूनाग...
मंडी(नीरज): देव कमरूनाग के गुर (पुजारी) नीलमणी को राजपुरोहित की डांट का सामना करना पड़ा। यह डांट तय समय से 20 मिनट पहले आने को लेकर पड़ी क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ। देव कमरूनाग के स्वागत के लिए राज परिवार के मुखिया दरवाजे पर मौजूद नहीं थे। मंगलवार को देव कमरूनाग मंडी पहुंचे और सबसे पहले राज माधव राय मंदिर गए जहां पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने उनका स्वागत किया। परंपरा के अनुसार इसके बाद देव कमरूनाग राजपरिवार से मिलने जाते हैं। जहां राज परिवार के मुखिया पहले ही देवता के स्वागत के लिए दरवाजे के बाहर खड़े रहते हैं। देव कमरूनाग के यहां आने का समय 3 बजे का निर्धारित किया गया था। लेकिन देवता के गुर नीलमणी 20 मिनट पहले ही पहुंच गए।
अशोक पाल सेन ने देवता का स्वागत किया
देव कमरूनाग को राजपरिवार की खाली कुर्सी के सामने खड़े रहना पड़ा। हालांकि स्वागत के लिए राजकुमारी सिद्धेश्वरी वहां मौजूद थी लेकिन सभी परिवार के मुखिया अशोक पाल सेन का इंतजार कर रहे थे। राजघराने में संदेश भिजवाया गया कि देव कमरूनाग आ चुके हैं। इसके बाद अशोक पाल सेन को मुख्य द्वार तक लाया गया। क्योंकि इनकी उम्र अब काफी हो चुकी है। इसलिए हर बात का पहले से ध्यान रखा जाता है। अशोक पाल सेन ने देवता का स्वागत किया। गुर ने उन्हें हार पहनाकर प्रसाद दिया। इसके बाद राजपुरोहित पवन शर्मा आए और उन्होंने गुर को तय समय से पहले आने पर डांट लगा दी। फिर उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ देव कमरूनाग का पूजन करवाया और गुर को समझाकर आगे भेज दिया। हालांकि इस दौरान अशोक पाल सेन ने गुर से गांव के लोगों का हालचाल भी पूछा। उन्होंने पूछा कि गांव में सब कैसे हैं, गुर ने जबाव दिया कि सब ठीक हैं।