Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Feb, 2018 06:09 PM
डॉ वाईएस परमार मैडिकल कॉलेज नाहन एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार लापरवाही का खामियाजा परिवार को एक बच्चे की जान देकर चुकाना पड़ा है। दरअसल नाहन शहर की एक परिवार द्वारा गर्भवती महिलाओं को देर रात करीब 3 बजे अस्पताल पहुंचाया गया ताकि सुरक्षित...
नाहन(सतीश): डॉ वाईएस परमार मैडिकल कॉलेज नाहन एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार लापरवाही का खामियाजा परिवार को एक बच्चे की जान देकर चुकाना पड़ा है। दरअसल नाहन शहर की एक परिवार द्वारा गर्भवती महिलाओं को देर रात करीब 3 बजे अस्पताल पहुंचाया गया ताकि सुरक्षित प्रसव हो सके। मगर उन्हें क्या मालूम था कि यहां उन्हें लापरवाही का ऐसा आलम देखने को मिलेंगा। आरोप है कि नॉर्मल डिलीवरी बताकर महिला के प्रसव को गंभीरता से नहीं लिया गया और प्रसव के तुरंत बाद बच्चे की मौत हो गई। इस दौरान जब परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात नर्स को बार-बार आगाह किया तो उल्टा नर्स द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया बजाए की डिलीवरी केस को गंभीरता से हैंडल किया जाता।
प्रसव के समय महिला की हालत नॉर्मल थी
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है जब लापरवाही के कारण किसी की मौत हो गई हो लोगों ने कहा कि बार-बार इस तरह के वाक्य पेश आ रहें है। जिसके लिए सीधे तौर पर यहां स्टाफ जिम्मेवार रहता है। उधर इस बारे में जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से बात की गई तो एडिशनल मेडिकल सुपरिटेंडेंट स्टाफ का बचाव कर सफाई देते नजर आए । उन्होंने कहा कि मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। हैरानी इस बात की है कि यदि प्रसव के समय महिला की हालत नॉर्मल थी तो स्टाफ की निगरानी में बच्चे की मौत कैसे हो गई। अगर महिला की हालत ठीक नहीं थी तो क्यों उसे रैफर नहीं किया गया। पूरे मामले में कहीं ना कहीं मैडिकल कॉलेज प्रबंधन की कार्यप्रणाली के सवालों के घेरे में है।