महेंद्र बोले-मैं परिवारवाद की पैदाइश नहीं, कांग्रेस में है परिवारवाद

Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Jun, 2017 02:13 AM

mahendra said i do not have the birth of familyism   familyism in congress

पांच अलग-अलग पार्टी चिन्हों पर विधानसभा चुनावों में जीत का छक्का लगा चुके और खुद को जवान बताने वाले 67 वर्षीय महेंद्र सिंह ठाकुर...

मंडी (पुरुषोत्तम): पांच अलग-अलग पार्टी चिन्हों पर विधानसभा चुनावों में जीत का छक्का लगा चुके और खुद को जवान बताने वाले 67 वर्षीय महेंद्र सिंह ठाकुर रिकार्ड बनाने और तोडऩे में माहिर हैं। वर्ष 1969 में सेना का सिपाही बनकर, 1971 में इंडो-पाक युद्ध लडऩे वाले इस पूर्व सैनिक ने 1990 में राजनीतिक सफर शुरू करते ही अपनी कामयाबी के झंडे इस क द्र गाडऩे शुरू कर दिए कि पहला ही चुनाव धर्मपुर से निर्दलीय लड़ा और दूसरा 1993 में कांग्रेस पार्टी, तीसरा 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस, 2003 में लोकतांत्रिक मोर्चा हिमाचल और 2007 और 2012 में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीतकर गिनीज बुक ऑफ बल्र्ड रिकार्ड में अपना नामांकन दर्ज करा दिया। वह उसूलों की राजनीति और सख्त मिजाज के मंत्री रहे हैं। वह कहते हैं कि मैं परिवारवाद की पैदाइश नहीं, कांग्रेस में नेहरू से लेकर राहुल तक परिवारवाद है। वर्तमान में धर्मपुर से 6वीं बार लगातार विधायक रहे महेंद्र सिंह ठाकुर से बातचीत के पेश हैं कुछ अंश।

आप अलग-अलग राजनीतिक दल से जीत हासिल करने में माहिर हैं क्या कहेंगे?
उत्तर:यह मेरे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का मेरे ऊपर विश्वास है कि वे मुझे बार-बार सेवा का मौका देते रहे हैं। मैं भाजपा संगठन का भी आभारी हूं कि हमेशा मुझे मार्गदर्शन मिलता रहता है। 

आप जब भाजपा सरकार में मंत्री थे तो आपने बिना सड़कों के पुल बना दिए और आरोप भी लगे, ऐसा क्यों?
उत्तर: हमने एक नई परम्परा शुरू की थी क्योंकि सड़क बनाने में उतना वक्त नहीं लगता जितना पुल बनाने में लगता है। आज जो भी काम मेरे कार्र्यकाल में हुए हैं, वे पूरे हैं और वही सड़कें और पुल आज राष्ट्रीय उच्च मार्ग बन गए हैं। इसके लिए हम केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आभारी हैं। पूरे प्रदेश में बस अड्डे शहरों के पास खाली जगह में ही बनते हैं। हमने भी खड्डों और नालों के पास खाली जगहों में अड्डे बनाकर दिए जो सब ठीक हैं। इससे सरकार को जमीन तलाशने की ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। 

आप चार्जशीट कमेटी में हैं और जो आरोप आपने लगाए हैं, उनका क्या हुआ?
उत्तर: भाजपा ने इन 5 वर्षों में 3 बार चार्जशीट तैयार की। इस बार मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों, बोर्ड व निगम के अध्यक्षों और विधायकों तथा उनके अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप हमने सबूतों के साथ लगाए हैं। अगर ये झूठे होते तो अभी तक सब मंत्री और विधायक कोर्ट में हमारे खिलाफ होते लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे यह स्पष्ट है कि यहां सब जगह भ्रष्टाचार का ही बोलवाला है और सब अपने घर भरने में लगे हैं। भाजपा सरकार आते ही पूरी चार्जशीट पर जांच होगी।  

मंडी जिला के ही एक मंत्री आप पर आरोप लगाते हैं, बाकी कोई मंत्री नहीं, ऐसा क्यों?
उत्तर: वे सबसे निक्कमे और निठल्ले मंत्री हैं जो केवल अपने पिता की कमाई खा रहे हैं। महेंद्र सिंह को गालियां देकर ही सुर्खियों में रहना उनकी आदत हो गई है। जो बदहाली उनके हलके की है, वह किसी से छिपी नहीं है। उन जैसे नेता ही परिवारवाद की पैदाइश है। मंडी के जिस बस अड्डे की वह जांच मांग रहे थे, उसके अगले चरण का उन्हीं की सरकार के मंत्री ने उद्घाटन कर दिया और काम आगे बढ़ा है। अब कहां गई जांच?  

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके पुत्र अनुराग ठाकुर के साथ आपके मधुर संबंध नहीं होने की बातें चर्चा में हैं। क्या कहेंगे? कोई नाराजगी की वजह?
उत्तर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल 2 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और दोनों बार मैंने उनके साथ काम किया है। हम उन्हें पूरा मान-सम्मान देते हैं आगे भी देते रहेंगे। अनुराग ठाकुर मेरे हलके के भी सांसद हैं, उनसे भी ऐसा कोई मतभेद नहीं है न ही अब नाराजगी। 

परिवारवाद को कहां तक उचित मानते हैं आप?
उत्तर: परिवारवाद कांग्रेस पार्टी में है जो नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पहुंचा है। व्यक्तिगत छवि और अपने काम से जो आगे बढ़ता है, उसे परिवारवाद नहीं माना जा सकता। भाजपा में कार्यकत्र्ताओं की पहचान होती है। 

हिमाचल भाजपा नेताओं में से किसे आप मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे?
उत्तर: जो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की पसंद हो, उसी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना आज भाजपा का हर कार्यकत्र्ता चाहता है, मैं भी उन्हीं कार्यकत्र्ताओं में से एक हूं। 

अभी मैं जवान, कोई युवा मेरे आगे टिक नहीं सकता
अगर आपका टिकट कटता है और किसी युवा को दिया जाए तो क्या आप साथ चलेंगे? इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि टिकट के लिए पार्टी निर्देशों की पालना होगी। अभी मैं बुजूर्गों की जमात में शामिल नहीं हुआ हूं, पूरे धर्मपुर की पहाडिय़ां नापता हूं। आज भी मेरे आगे इस काम में कोई युवा टिक नहीं सकता। 

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