वर्ष 1998 में सुक्खू हिविकां बनाकर बीजेपी का साथ न देते तो नहीं बननी थी सरकार

Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Nov, 2017 08:27 PM

in 1998  when the sukhu support the bjp for majority

शिमला(डेस्क): हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव प्रचार अपने पूरे चरम पर पहुंचा चुका है।  मतदान के लिए 7 को प्रचार का दि एंड हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव वर्ष1998 में बीजेपी हिविकां के साथ मिलकर हिमाचल की...

शिमला(डेस्क): हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव प्रचार अपने पूरे चरम पर पहुंचा चुका है।  मतदान के लिए 7 को प्रचार का दि एंड हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव वर्ष1998 में बीजेपी हिविकां के साथ मिलकर हिमाचल की सत्ता पर आसीन हुई थी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी पर हिविकां के विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास का आरोप लगा था। हिविकां के पांच विधायकों को इस सरकार में कैबिनेट में मंत्री पद नसीब हुए थे।

शपथ तक विधायकों को रखा था प्रदेश से बाहर
अपहरण के डर से हिविकां के विधायकों को प्रदेश से बाहर गुप्त स्थान पर छुपाया गया था, ताकि शपथ समारोह तक इन पांचों विधायकों को पहुंचाया जा सके। भाजपा की सरकार बनाने में सुखराम ने हिविकां का गठन कर वीरभद्र के कभी न हारने के सपने का ध्वस्त कर दिया था। उस समय हिविकां पार्टी की पूरे प्रदेश में तूती बोलती थी।

टेलिफोन था हिविकां का चुनाव चिन्ह
हिमाचल प्रदेश में हिविकां के गठन के बाद पार्टी को टेलिफोन चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग ने दिया था, प्रदेश में टेलिफोन की ऐसी घंटी बजना शुरू हुई कि पूरे प्रदेश में हिमाचल विकास कांग्रेस के प्रत्याशियों को दस से पंद्रह हजार मत डलने लग गए थे। युवाओं में पार्टी का काफी क्रेज देखने को मिल रहा था।

हिविकां ने छात्र संगठन भी कर दिया था खड़ा
हिमाचल प्रदेश में हिविकां ने कालेज स्तर पर अपना छात्र संगठन भी खड़ा कर दिया था, युवा जोश के साथ संगठन के प्रचार में जुटे रहते थे। इस दौरान संगठन में सदस्य भी जीत दर्ज करने लग गए थे।

सुखराम ने प्रदेश में लाई थी टेलिफोन क्रांति
प्रदेश में सुखराम ने टेलिफोन क्रांति लाई थी जहां बिजली के खंभे भी नहीं पहुंचे थे वहां पर टेलिफोन लग हुए थे। लोगों का यह मानना था कि सुखराम ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए प्रदेश का भला ही किया है। इसके लिए वे हमेशा बधाई के पात्र ही रहेंगे।

कांग्रेस में हो गया बाद में विलय
एक दशक तक पार्टी का ठीकठाक बोलबाला रहा लेकिन इसके बाद पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया गया। कांग्रेस सरकार में सुखराम राम के बेटे अनिल शर्मा को केंद्र सरकार की बदौलत वीरभद्र सरकार ने पशुपालन एवं पंचायतीराज मंत्री का पदभार दिया था।

अनिल शर्मा बीजेपी में शामिल, मंडी से कैंडिडेट
इस चुनाव में सुखराम के बेटे अनिल शर्मा भाजपा में शामिल हो गए हैं। और  मंडी की सदर सीट से बीजेपी की टिकट से चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर को मैदान में उतारा है।

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