हाईकोर्ट ने की रेलवे के लापरवाह अधिकारियों पर सख्त टिप्पणी, दिए ये आदेश

Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Sep, 2017 09:19 AM

high court did railway of reckless officers on strict comment

हाईकोर्ट ने प्रदेश में रेलवे की सम्पत्तियों के संरक्षण में लापरवाह रेलवे अधिकारियों पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि....

शिमला: हाईकोर्ट ने प्रदेश में रेलवे की सम्पत्तियों के संरक्षण में लापरवाह रेलवे अधिकारियों पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी रेलवे भूमि का संरक्षण करना तो दूर उलटे हाईकोर्ट द्वारा रेलवे भूमि को अवैध कब्जा मुक्त करने के दिए गए आदेशों को निष्क्रिय करने में लगे हुए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने रेलवे अधिकारियों की इस नाकामी को रेलवे मंत्री के समक्ष रखने के आदेश दिए। कोर्ट ने खेद व्यक्त किया कि रेलवे अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद रेलवे की सम्पत्तियों को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त नहीं करवा रहे हैं। 


पालमपुर में बनाए जा रहे अवैध शॉपिंग मॉल को तुरंत हटाएं
वे हाईकोर्ट की मंशा को समझने में असफल रहे हैं। कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों को सम्पत्तियों के निरीक्षण से लेकर अवैध कब्जों को हटाने के लिए दिए गए आदेशों की प्रतियां रेलवे मंत्री के ध्यानार्थ व जरूरी कार्रवाई हेतु भेजने के आदेश दिए। कोर्ट ने रेलवे चेयरमैन को निजी हलफनामा दायर कर रेलवे ट्रैक कालका-शिमला, पठानकोट-जोगिंद्रनगर व नंगल-तलवाड़ा पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए उठाए गए कदमों को स्पष्ट करने के आदेश भी दिए। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने डी.सी. कांगड़ा को आदेश दिए थे कि वह पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ मुहाल रौड़ी मौजा खलेट तहसील पालमपुर में बनाए जा रहे अवैध शॉपिंग मॉल को तुरंत हटाएं। 


कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों को ट्रैकों का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए  
कोर्ट ने इस मॉल को गिराने का खर्च इसके मालिक ओंकार राणा से वसूलने के आदेश भी दिए थे। इन आदेशों के खिलाफ शॉपिंग मॉल के मालिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की परन्तु प्रार्थी ने इस याचिका को वापस ले लिया था। इसके पश्चात शॉपिंग मॉल के मालिक ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी कि वह सरकारी भूमि, रेलवे भूमि तथा अधिकृत व कंट्रोल्ड विड्थ पर बनाए गए शॉपिंग मॉल के हिस्से को स्वयं गिरा देगा। इसके बावजूद उसने अवैध कब्जा रेलवे भूमि से नहीं हटाया। इसका कारण कोर्ट को बताते हुए प्रार्थी राजेश कुमार सूद की ओर से कहा गया कि रेलवे अधिकारियों की शॉपिंग मॉल के मालिक से मिलीभगत के कारण हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल नहीं किया जा रहा है। इससे पहले कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों को प्रदेश के तीनों रेलवे ट्रैकों का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे। मामले पर सुनवाई 19 सितम्बर को होगी।

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