यहां नीम-हकीमों से उपचार करवाने को मजबूर हैं लोग, जानिए क्या है वजह

Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Sep, 2017 12:06 AM

here people are forced to get treatment from quack  know what is the reason

जिला चम्बा में स्वास्थ्य सेवाएं इस कद्र लचर हैं कि जिला के कई क्षेत्रों के लोग न चाहकर भी अपने जीवन को नीम-हकीमों के हवाले करने के लिए मजबूर हैं।

चम्बा: जिला चम्बा में स्वास्थ्य सेवाएं इस कद्र लचर हैं कि जिला के कई क्षेत्रों के लोग न चाहकर भी अपने जीवन को नीम-हकीमों के हवाले करने के लिए मजबूर हैं। हालांकि ऐसे नीम-हकीमों पर शिकंजा कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है लेकिन जहां कोई भी सरकारी स्वास्थ्य सुविधा न हो, ऐसे गांव जिला में भारी संख्या में मौजूद हैं। ऐसे गांवों में इस कमी का लाभ ये नीम-हकीम उठा रहे हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि सरकार ने जिला के दूरदराज क्षेत्रों व गांवों को स्वास्थ्य सुविधा के साथ जोडऩे के लिए आयुर्वैदिक व एलोपैथिक स्वास्थ्य केंद्र तो खोल रखे हैं लेकिन स्टाफ की कमी के चलते ये स्वास्थ्य केंद्र लंबे समय से बंद पड़े हैं। सरकार समय-समय पर खुद ही चिकित्सकों व पैरामैडीकल स्टाफ की कमी का हवाला देकर अपना पल्ला ऐसे मामलों से झाड़ चुकी है, ऐसे में जिला में मौजूद यह स्थिति इन नीम-हकीमों के फलने-फूलने में मददगार साबित हो रही है। 

करियाना बेचने वाले भी बने हुए हैं डाक्टर
जिला चम्बा में यह स्थिति भी देखने को मिल रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में करियाने की दुकान करने वाले दुकानदार भी डाक्टर बने हुए हैं। विज्ञापनों की भांति ये दुकानदार भी किसी भी मर्ज की दवाई अपने पास होने का दावा करते हैं। ऐसा नहीं है कि वे दावा ही करते हैं बल्कि उनके पास दवाइयों के पैकेट के पैकेट पड़े हुए देखे जा सकते हैं। सिरदर्द से लेकर कमर दर्द व बदन दर्द तक की दवा इन दुकानदारों के पास मिल जाती है। कुछ दुकानदारों ने तो खांसी से लेकर दांत दर्द, सर्दी व जुकाम के साथ एंटीबायोटिक तक बिक्री के लिए रखी हुई हैं। यह बात और है कि कौन-सी दवा प्रतिबंधित है और कौन-सी नहीं या फिर कौन-सी दवा कितने दिन तक व किस हिसाब से खानी है, उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है लेकिन यह धंधा मोटी कमाई करने का बेहद सफल व सरल होने के चलते करियाने की दुकान करने वाले भी इस कार्य को अवैध ढंग से अंजाम दे रहे हैं।

आधा दर्जन से अधिक जेलों में पहुंचे
सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो स्वास्थ्य विभाग के ड्रग निरीक्षक ने आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोगों को जेल की हवा खाने के लिए मजबूर किया है जोकि ड्रग एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट की अवहेलना करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं। ये सभी वे लोग थे जोकि दवाई बिक्री से संबंधित लाइसैंस लिए बगैर ही दवाइयों को बेचने का कार्य कर रहे थे। इसके अलावा अभी भी जिला चम्बा की अदालत में करीब 10 और ऐसे मामले चले हुए हैं। नि:संदेह यह सरकारी आंकड़ा विभाग की मुस्तैदी का प्रमाण है लेकिन क्षेत्रफल के हिसाब से प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला होने के साथ-साथ भौगोलिक दृष्टि से बेहद पिछड़ा होने के बावजूद पूरे जिला में एक ही दवा निरीक्षक होने के बावजूद नीम-हकीमों पर शिकंजा कसना एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन यह साफ है कि जब तक सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं होगा तब तक जिला चम्बा को नीम-हकीमों से निजात मिलने वाली नहीं है।

सरकार को भेजी जाती है जानकारी
सी.एम.ओ. चम्बा वाई.डी. शर्मा ने बताया कि  जिला चम्बा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सिविल अस्पताल चिकित्सकों व स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। इसके बारे में समय-समय पर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है। सरकार समय-समय पर तबादलों के माध्यम से इन रिक्त पड़े पदों को भरती रहती है। जहां तक वर्तमान स्थिति की बात है तो जिला चम्बा में रिक्त चल रहे चिकित्सकों पर पैरामैडीकल स्टाफ के पदों के बारे में भी सरकार को जानकारी भेजी जा चुकी है।     

विभाग जल्द चलाएगा अभियान
ड्रग निरीक्षक चम्बा नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि यह जिला चम्बा में कई करियाना बिक्री वाले दुकानदार भी दवाइयों को बेचने का काम कर रहे हैं। ऐसी सूचना विभाग को मिल चुकी है जिसके चलते बहुत जल्द ऐसे दुकानदारों के खिलाफ विभाग अभियान छेडऩे जा रहा है। जहां तक विभाग की कार्यशैली की बात रही तो आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोगों को जेल पहुंचाने में सफलता प्राप्त की जा चुकी है जोकि बिना लाइसैंस के दवाइयां बेचने का कार्य कर रहे थे। करीब 10 मामले अभी और अदालत में विचाराधीन हैं। 

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