हाईकोर्ट ने बदला पूर्व सरकार का यह फैसला, जानने के लिए पढ़ें खबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Feb, 2018 11:57 PM

hc has changed the decision of the former government  read news to know

प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व सरकार में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के वक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी 2 अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है।

मंडी: प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व सरकार में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के वक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी 2 अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है। वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह कस्बे की पंचायत थुनाग की याचिका को उचित करार देते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त जारी हुई जंजैहली में एस.डी.एम. कार्यालय व उपतहसील छतरी खोलने की अधिसूचना रद्द कर दी है। हाईकोर्ट के फैसले से अब एस.डी.एम. कार्यालय थुनाग शिफ्ट होने का रास्ता साफ हो गया है जिसकी पैरवी पंचायत थुनाग ने की थी। हालांकि अभी एस.डी.एम. कार्यालय कहां खुले यह हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट नहीं किया है लेकिन अब यह वर्तमान सरकार के रुख पर निर्भर है कि वह एस.डी.एम. कार्यालय कहां खोलती है। एस.डी.एम. कार्यालय के लिए सरकार को अब नए सिरे से अधिसूचना जारी करनी होगी। 

2016 में जारी हुई थी एस.डी.एम. कार्यालय खोलने की अधिसूचना
बता दें कि सराज कांग्रेस पार्टी नेताओं के आग्रह पर वीरभद्र सरकार ने जंजैहली में एस.डी.एम. कार्यालय खोलने की अधिसूचना 27 जून, 2016 व छतरी में उपतहसील की 21 अप्रैल, 2016 को जारी की थी। क्षेत्र की जनता ने उस समय एस.डी.एम. कार्यालय थुनाग में खोलने की वकालत की थी लेकिन वीरभद्र सरकार ने लोगों की मांग को अनदेखा कर दिया था। लोगों का तर्क था कि थुनाग में पहले से तहसील मुख्यालय है। एस.डी.एम. कार्यालय तहसील मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूर खोला गया है, ऐसे में लोगों को राजस्व से संबंधित कार्यालयों के लिए थुनाग व जंजैहली के चक्कर काटने पड़े। इससे समय व धन दोनों की बर्बादी होगी। 

एस.डी.एम. कार्यालय के लिए उपयुक्त नहीं था जंजैहली
याचिका में थुनाग पंचायत की तरफ से दलील दी गई थी कि थुनाग तहसील में 19 पटवार सर्कल आते हैं, जिनमें करीब 30,000 आबादी है। थुनाग कस्बा सराज हलके के मध्य में स्थित है जहां तहसील के साथ अन्य विभागीय कार्यालय भी हैं। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों व जिला परिषद सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से थुनाग में एस.डी.एम. कार्यालय स्थापित करने की मांग की थी लेकिन उसे भी पूर्व सरकार ने दरकिनार किया।  लोगों का तर्क था कि भौगोलिक दृष्टि से एस.डी.एम. कार्यालय के लिए जंजैहली उपयुक्त नहीं था। सर्दी में यहां बर्फबारी होती है, जिससे एस.डी.एम. कार्यालय पहुंचना लोगों के लिए संभव नहीं होगा। याचिका की सुनवाई कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने की।

थुनाग कस्बे में एस.डी.एम. कार्यालय के हिमायती थे मुख्यमंत्री 
पंचायत थुनाग की याचिका को मंजूर करते हुए खंडपीठ ने पूर्व सरकार के समय जंजैहली में एस.डी.एम. व छतरी में उपतहसील खोलने की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी थुनाग कस्बे में एस.डी.एम. कार्यालय खोलने के हिमायती थे लेकिन उन्होंने कभी यह बात सार्वजनिक मंच से नहीं कही। हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जंजैहली को कंकरीट का जंगल बनाने के बजाय पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का ऐलान अपने पहले सराज दौरे में किया था। 

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