चुनाव के मद्देनजर खड़ा हुआ बड़ा सवाल, क्या शिमला चलेगा देश की चाल?

Edited By Updated: 03 May, 2017 09:38 AM

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क्या शिमला देश की चाल चलेगा, आजकल यह सवाल हिमाचल की राजधानी शिमला की शांत वादियों में प्रमुखता से उठ रहा है।

शिमला: क्या शिमला देश की चाल चलेगा, आजकल यह सवाल हिमाचल की राजधानी शिमला की शांत वादियों में प्रमुखता से उठ रहा है। सुदूर हिमालय में बहने वाली हवाएं बेशक ठंडक पैदा कर रही हों पर मोदी की रैली की गर्माहट अब तक बरकरार है। इसकी चर्चाओं का दायरा दूर तलक है। कार्यकर्ताओं में अब भी इस रैली का जोश बना ही हुआ है। कांग्रेस चुनाव को फिलहाल टालना चाहती है। इसी दिशा में कसरत चल रही है। कांग्रेस को लगता है कि अगर अभी चुनाव हुए तो मोदी लहर में पार्टी के हाल वैसे ही होंगे जैसे हालिया विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में हुए हैं। दिल्ली के एम.सी.डी. चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। पार्टी तीसरे स्थान पर लुढ़क गई। जब देश में ही माहौल कांग्रेस के खिलाफ चल रहा है तो फिर शिमला में कैसे लोग कांग्रेस पर भरोसा करेंगे? इस जमीनी सच्चाई को कांग्रेस का एक वर्ग भी समझ रहा है। 


भाजपा के नक्शे कदम पर चलने की जरूरत नहीं
असल में भाजपा देश भर के स्थानीय निकाय चुनावों को विधानसभा चुनावों की तर्ज पर ही गंभीरता से ले रही है। इसके लिए टीम अमित शाह पूरी रणनीतियां बना रही है। दिल्ली में हुई हालिया जीत के बाद इस टीम की निगाहें पहले शिमला और फिर पश्चिम बंगाल के स्थानीय निकायों पर हैं। इसके लिए भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह वहां का दौरा कर चुके हैं। पार्टी इन निकाय चुनावों को हर हाल में कब्जाना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिमला दौरा भी इसी चुनावी रणनीति का एक हिस्सा रहा है नहीं तो उड़ान कार्यक्रम को तो वह दूसरी जगह से लांच कर सकते थे। रैली के माध्यम से जिस तरह का माहौल भाजपा के पक्ष में बना, कांग्रेस उसकी काट खोजने में जुटी हुई है। इसीलिए वोटर लिस्ट के बहाने चुनाव आगे खिसकाने की रणनीति तैयार की। अगर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का ही मुद्दा होता तो इसे पहले भी उठाया जा सकता है। इसमें भाजपा के नक्शे कदम पर चलने की जरूरत नहीं थी।


मोदी रैली का प्रभाव कम करने के प्रयास
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रैली का जोश ज्यादा वक्त तक नहीं रहेगा, इसके प्रभाव को कम करने के लिए कांग्रेस ने वोटर कार्ड खेला। इसके माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पी. मित्रा से मुलाकात की। मित्रा मुख्य सचिव रहे हैं। उन्हें रिटायरमैंट के बाद आयोग में तैनाती दी गई है। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। उनके साथ कई पूर्व मेयर, पूर्व पार्षद और मौजूदा पार्षद भी रहे। उन्होंने सरकार के रोस्टर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने परिसीमन के तौर-तरीके को ही गलत बताया। उन्होंने बी.एल.ओ. की भी शिकायत की। कांग्रेस नेताओं ने वोट बनाने में फर्जीवाड़े की बातें भी कहीं। दिन के वक्त मुलाकात हुई और शाम होते-होते इसका असर भी देखा गया। निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट में संशोधन करने की तारीख बढा़ई। अब इसमें 15 मई तक का समय दिया गया है। इसके लिए बाकायदा शैड्यूल जारी किया गया। दूसरी ओर शहरी विकास विभाग ने नगर निगम चुनाव के नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी की। इसमें निगम चुनावों के लिए प्रत्याशियों को प्रचार के लिए 15 की बजाय अब 10 दिन ही मिलेंगे। प्रचार के 5 दिनों में कटौती की गई है। बाहरी तौर पर ये दोनों ही प्रयास जताते हैं कि सरकार चुनाव को निर्धारित समय तक करवाना चाहती है लेकिन अंदरखाते सरकार कांग्रेस की दलीलों से सहमत है। 


सौ चूहे खाकर अब हज यात्रा पर चली कांग्रेस: बिंदल
भाजपा के नेता डा. राजीव बिंदल का आरोप है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कांग्रेस ने ही की है। वोट काटने का काम भी कांग्रेस ने ही किया है क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ही सरकार है। इसी के अधिकारियों की निर्वाचन से जुड़ी प्रक्रियाएं पूरी करने में ड्यूटी लगी है। बिंदल ने कांग्रेस सरकार पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि गड़बड़ियों को ठीक करने की जिम्मेदारी सरकार की होती है लेकिन सरकार के इशारे पर सब कुछ गलत होता गया। लोकतंत्र की हत्या होती रही लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उफ तक नहीं की। उन्होंने कहा कि सौ चूहे खाकर अब कांग्रेस हज की यात्रा पर चली है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास फोटो खिंचवाने वाले नेताओं को जनता के सवालों का जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव जब भी हों, भाजपा कांग्रेस को करारी मात देगी। सारे हालात भाजपा के पक्ष में हैं। मोदी रैली ने कांग्रेसियों की नींद उड़ाकर रख दी है। अब चाहे जो भी हथकंडे अपनाए, कांग्रेस को कोई लाभ होने वाला नहीं है। यह बात कांग्रेस के नेताओं को भी समझनी चाहिए। पूर्व मंत्री का कहना है कि भाजपा ने चुनाव के लिए पूरी तैयारियां कर रखी हैं। चाहे पार्टी सिंबल पर चुनाव हों या इसके बगैर, हम चुनाव जीत कर रहेंगे। कांग्रेस को रोजाना हार का भय सता रहा है।


कांग्रेस पूरी टीम के साथ कार्य करेगी
कांग्रेस पार्टी जल्द ही नेताओं और पदाधिकारियों की चुनावी ड्यूटी लगाएगी। पार्टी के प्रदेश महासचिव नरेश चौहान का कहना है कि कांग्रेस पूरी टीम के साथ कार्य करेगी। उनका कहना है कि पार्टी ने लोगों और कार्यकत्र्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त से मुलाकात की थी। उन्होंने कई मामलों को तथ्यों समेत आयोग के सामने रखा और इसके आधार पर आयोग ने कार्रवाई भी की है। कांग्रेस चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब उसे आयोग की नोटिफिकेशन का इंतजार है लेकिन पार्टी सिंबल पर चुनाव होने की कांग्रेस को कोई संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं। पार्टी का एक खेमा पार्टी सिंबल पर चुनाव करवाने का पक्षधर रहा है लेकिन सरकार में इस धड़े की कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी सिंबल पर चुनाव करवाने का खतरा मोल नहीं ले सकती है।

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