मणिमहेश यात्रा : राधाष्टमी पर्व पर टूटा रिकार्ड, डल झील पहुंचे शिव के  इतने भक्त

Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Aug, 2017 09:30 PM

broken record at radhashtimi festival  many devotees of shiva reached dal lake

वर्ष 2017 की मणिमहेश यात्रा का राधाष्टमी के पावन पर्व का शाही स्नान का अधिकारिक रूप से समापन हो गया। सोमवार को सप्तमी के दिन दोपहर बाद 3 बजे शिवजी ..........

भरमौर: वर्ष 2017 की मणिमहेश यात्रा का राधाष्टमी के पावन पर्व का शाही स्नान का अधिकारिक रूप से समापन हो गया। सोमवार को सप्तमी के दिन दोपहर बाद 3 बजे शिवजी के गुरों द्वारा डल झील को पार करने की परंपरा पूरी करने के बाद शुरू हुए अष्टमी के इस शाही स्नान में 50,000 से अधिक लोगों ने मणिमहेश की डल झील में स्नान किया, वहीं यात्रियों का आना अभी भी जारी है। ऐसे में यह संख्या और भी बढ़ सकती है। भरमौर प्रशासन द्वारा यात्रा को 7 अगस्त से शुरू करने का एक लाभ सामने नजर आया कि ज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं हुई मगर कृष्ण जन्माष्टमी के बाद 4 दिन तथा राधाष्टमी से पहले के 4 दिनों में जो भीड़ यात्रियों की यहां इकट्ठी हुई, उससे तो पिछले कई वर्षों के रिकार्ड तोड़ दिए। 8 दिनों में यात्रियों की संख्या लाखों को पार कर गई। कुल मिलाकर इस वर्ष की यात्रा में 4 लाख से अधिक शिव भक्तों ने अपनी हाजिरी लगाई। 
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2-2 की जगह लग रहीं थीं 4-4 लाइनें
ददिमा से लेकर हड़सर तक जहां वाहनों की लंबी कतारें रहीं, वहीं हड़सर से लेकर डल झील के 13 किलोमीटर के लंबे पैदल मार्ग पर लोगों के जाम लगते रहे। गोई नाला, दोनाली, धनछो, जुमाडू, शिव घराट, सुंदरासी तथा ग्लेशियर के पास लोगों के लंबे जाम लगते रहे। जिस मार्ग पर आने-जाने वालों की 2-2 लाइनें होनी चाहिए थीं, वहां 4-4 लाइनें आने-जाने वालों की अटूट लगी थीं। ऐसा पहली बार देखा गया कि  हड़सर से डलझील तक जो भी मार्ग हैं, चाहे गोई नाला मार्ग हो, यम कुंड मार्ग, दोनाली से ऊपर बना नया मार्ग, धनछो, जुमाडू, बंदर घाटी, भैरो घाटी या ग्लेशियर मार्ग हो, इन सभी मार्गों पर आने-जाने वाले यात्रियों की अटूट लाइनें लगी थीं।
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नहीं खोला गया था रजिस्ट्रेशन काऊंटर 
यात्रियों की गिनती तो इस बार हुई ही नहीं क्योंकि इस बार कोई रजिस्ट्रेशन काऊंटर खोला ही नहीं गया था। मात्र वाहनों की पर्ची काटने वाले बैरियर से ही यात्रियों की संख्या का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जो किसी भी तथ्यों पर आधारित आंकड़ा नहीं दर्शा सकता। प्रशासन के प्रबंध एक बार फिर से बौने साबित होना स्वाभाविक ही था क्योंकि लाखों की संख्या में आए लोगों के लिए प्रबंध भी काफी अधिक चाहिए। प्रशासन व न्यास को एक बार फिर से यह भीड़ संदेश देकर गई है कि आगामी वर्षों में और अधिक प्रबंधों की जरूरत है।

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