क्या आप भी कर रहे हैं इन दवाइयों का इस्तेमाल, तो हो जाइए सावधान

Edited By Updated: 17 Apr, 2017 10:33 PM

are you also using these medicines  then be careful

हिमाचल प्रदेश में एंटी बायोटिक, पेट दर्द, एलर्जी व खांसी-जुकाम की 23 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं।

सोलन: हिमाचल प्रदेश में एंटी बायोटिक, पेट दर्द, एलर्जी व खांसी-जुकाम की 23 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं। केन्द्रीय दवा मानकनियंत्रणसंगठन (सी.डी.एस.सी.ओ.) ने देशभर में ड्रग अलर्ट जारी किया है। इसमें बी.बी.एन., कालाअम्ब व पांवटा साहिब की कई दवा कंपनियों के 23 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। देशभर में 60 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। सी.डी.एस.सी.ओ. ने इन दवाइयोंं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। इन कंपनियों को अब इन दवाइयों के बैच देशभर के बाजारों से वापस मंगवाने होंगे। जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए हंै उनमें से अधिकांश दवाइयां व इंजैक्शन एंटी बायोटिक, पेट दर्द, सर्दी-खांसी-जुकाम, गैस्टिक, एलर्जी व प्रैगनैंसी के दौरान उल्टी आने के हैं। आम आदमी इन दवाइयों को अक्सर इस्तेमाल करता रहता है। 

इन दवाइयों के सैंपल हुए फेल
जानकारी के अनुसार नितिन लाइफ साइंस सिरमौर मैकमिका इंजैक्शन, हैल्थ बायोटैक बद्दी आनसेट इंजैक्शन, थियोन फार्मास्यूटिकल नालागढ़ सैफ्ट्रीक्सोन इंजैक्शन, नितिन लाइफ साइंस सिरमौर निक्सिन इंजैक्शन, अलायंस बायोटैक बद्दी फंगल डायस्ट, श्रीराम हैल्थ केयर झाड़माजरी सिट्राजिन टैबलेट, सिपला बद्दी अफलोक्ससिन, रैकिट हैल्थ केयर पैरासिटामोल, जेप्सी कैम फार्मा नालागढ़ पैंटाप्रजोल, मैडाक्श लाइफ साइंस कांगड़ा एटोक्सटेन एम.आर. टेब, स्कोहिंद लैब बद्दी सैफिक्सिम टैब, गल्फ लैब बद्दी लैक्टूलूज ( 3 बैच), लैबारेट फार्मास्यूटिकल पांवटा साहिब, डाक्सीलेमिन (2), मैडीपोल फार्मास्यूटिकल डाक्सीलेमिन, आस्कर रैमेडीज कालाअम्ब एक्लोवे टैबलेट, प्रीमियस फार्मास्यूटिकल कालाअम्ब डाक्सीलेमिन, जेप्सी कैम नालागढ़ एरीसीपो टैब, एस.वी.एस. बायोटैक कालाम्ब रिप्टिन टैबलेट व साई ब्लीस ड्रग पांवटा साहिब का सैफ्ट्रिक्सोन का सैंपल फेल हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी कंपनियों को बाजार से इन दवाइयों के स्टाक विड्रा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। 

दवा उद्योगों को नोटिस जारी
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में मौजूद उन सभी दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं जो मानकों पर खराब पाए गए हैं। इन सभी उद्योगों से जवाब मांगा गया है और खराब बैच को रिकॉल कर उन्हें नष्ट करने के निर्देश जारी किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश में राज्य की टीम व सी.डी.एस.सी.ओ. टीम भी ज्वाइंट इंस्पैक्शन करती है। प्रदेश में बनी कुछ दवाइयां तापमान के बढऩे व कम होने से भी खराब हो जाती हैं। हालांकि इस दिशा में दवा उद्योग मालिकों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। प्रदेश के करीब 13 उद्योगों के ये दवा सैंपल फेल हैं।

हिमाचल को माना जाता है दवा उत्पादन का हब 
देश में हिमाचल को दवा उत्पादन का हब माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह से हिमाचल में बन रही दवाइयों के सैंपल फेल हो रहे हैं, उससे देश में हिमाचल की छवि भी धूमिल हो रही है। फार्मा उद्योग दवा उत्पादन में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख रहे हैं। यही कारण है कि सी.डी.एस.सी.ओ. के हर महीने जारी होने वाले ड्रग बुलेटिन में प्रदेश की किसी न किसी फार्मा उद्योग की दवाइयों के सैंपल होते हैं। 

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