15 वर्षों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के भरे 57 पद, इतने चल रहे खाली

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Sep, 2017 11:28 PM

57 posts filled with health workers in 15 years  so many are vacant

प्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का दम भरती है लेकिन वह कितनी जागरूकता लोगों तक पहुंचा रही है....

चम्बा: प्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का दम भरती है लेकिन वह कितनी जागरूकता लोगों तक पहुंचा रही है, इसका अंदेशा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाने वाले स्वास्थ्य से संबंधित कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पिछले 15 वर्ष में मात्र 57 पद ही भरे गए हैं। हैरानी तो इस बात की है कि प्रदेश में 2,036 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पदों को स्वीकृत किया गया है लेकिन इनमें से अभी भी 1,182 पद रिक्त चल रहे हैं जबकि मौजूदा समय में कई स्वास्थ्य कार्यकर्ता सेवानिवृत्त होने की दहलीज पर खड़े हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में बदहाल हो जाएंगी स्वास्थ्य सुविधाएं
यदि इन पदों को शीघ्र नहीं भरा गया तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हो जाएंगी, साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा क्योंकि स्वास्थ्य विभाग में जितने भी राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं, उन सभी कार्यक्रमों को बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक संघ हिमाचल प्रदेश केअध्यक्ष ठाकुर हेम सिंह, महासचिव नरवीर शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलवान अविनाशी, प्रैस सचिव सुभाष चंद, सोनिया डढवाल व सीमा ठाकुर ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह, स्वास्थ्य सचिव प्रबोध सक्सेना व निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. बलदेव ठाकुर से मांग की है कि इन खाली पदों को शीघ्र भरा जाए ताकि स्वास्थ्य से संबंधित कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।

शुरू किए जाएं बंद पड़े प्रशिक्षण केंद्र
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता एवं पर्यवेक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के अनुसार विभाग के प्रशिक्षण केंद्र पिछले कई वर्षों से बंद पड़े हैं जिन्हें सुचारू रूप से खोला जाए ताकि विभाग को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता प्राप्त हो सकें। विभाग ने कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, शिमला और कुल्लू में प्रशिक्षण केंद्र खोले थे, जहां पर ट्रेङ्क्षनग के लिए रखा गया सामान आज धूल फांक रहा है। 

अनुबंध आधार पर न हो नियुक्ति
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला और पुरुष की नियुक्ति रोगी कल्याण समिति या अनुबंध आधार पर न की जाए। इसके अलावा जब भी इनकी नियुक्ति हो तो इन्हें नियमित तौर पर ही रखा जाए, वहीं महिला और पुरुष पर्यवेक्षक के ट्रेनिंग बैच निरंतर जारी रखे जाएं, साथ ही 2003 के बाद लगे सभी कर्मचारियों को एक समान पैंशन योजना लागू की जाए। 

यहां निभाते हैं अपनी भागीदारी
1.गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण करवाना। 
2.मलेरिया, डॉट्स और पोलियो अभियान में सहभागिता करना।
3.परिवार नियोजन व स्वास्थ्य शिक्षा पोषाहार कार्यक्रमों में भाग लेना। 
4.यौन संचारी रोग की रोकथाम और राष्ट्रीय कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाना।

...तो मजबूरन करना पड़ेगा आंदोलन
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता एवं पर्यवेक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलवान अविनाशी ने कहा कि बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता एवं पर्यवेक्षक संघ अभी शांतिपूर्वक ढंग से ही बातचीत में विश्वास कर रहा है। अगर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने अब भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। इस आंदोलन की जिम्मेदारी सरकार और विभाग की होगी। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!