चौपाल में 16 नई भट्ठियों का पर्दाफाश, 20,000 लीटर सिडार वुड ऑयल बरामद

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Jan, 2018 09:31 PM

16 new furnaces exposed in choupal  20 000 liters of cedar wood oil recovered

चौपाल क्षेत्र में बड़े स्तर पर सिडार वुड ऑयल निकालने का गौरखधंधा चल रहा है। वन विभाग की टीम ने ग्रुप पेट्रोलिंग करके रविवार को करीब 20 हजार लीटर सिडार वुड ऑयल जब्त किया।

शिमला: चौपाल क्षेत्र में बड़े स्तर पर सिडार वुड ऑयल निकालने का गौरखधंधा चल रहा है। वन विभाग की टीम ने ग्रुप पेट्रोलिंग करके रविवार को करीब 20 हजार लीटर सिडार वुड ऑयल जब्त किया। यही नहीं, क्षेत्र में 16 और नई भट्ठियों का भी विभाग की स्पैशल टीम ने पर्दाफाश किया है। सिडार ऑयल निकालने पर प्रतिबंध के बावजूद भी बेखौफ वन माफिया इसे निकालने में परहेज नहीं कर रहे। इस गोरखधंधे में विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता का भी अंदेशा जताया जा रहा है। वन विभाग सोमवार को सिडार ऑयल निकालने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाएगा लेकिन यहां यह सवाल उठरहे हंै कि क्षेत्र में जब इतने बड़े स्तर पर माफिया राज है तो विभाग को इसकी सूचना क्यों नहीं है? 

वन कर्मियों की कार्यप्रणाली पर लगा सवालिया निशान
भले ही बीते 23 जनवरी को वन विभाग ने करीब 200 लीटर सिडार ऑयल जब्त किया हो लेकिन क्यारी बीट में 16 अन्य भट्ठियों का मिलना क्षेत्र के वन अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान खड़े करता है। पकड़ी गई 16 भट्ठियों में से 4 से ऑयल निकाला जा चुका है जबकि 12 अन्य भट्ठियों को ऑयल निकालने के लिए तैयार किया जा रहा था। प्रदेश में इसे निकालने पर वर्ष 2013 से प्रतिबंध लगा हुआ है। हालांकि इससे पहले सरकार ऑयल निकालने का लाइसैंस जारी करती थी। 

15 हजार लीटर पुराना सिडार ऑयल
पकड़़े गए 20 हजार लीटर में से 15 हजार लीटर पुराना सिडार ऑयल है। यानि जिन लोगों से ऑयल पकड़ा गया है, उनका दावा है कि उन्होंने इस ऑयल को 2013 से पहले का निकाला हुआ है लेकिन 3800 लीटर ऑयल ताजा निकाला बताया जा रहा है। सिडार ऑयल 90 से 120 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है।

वन माफिया कहा बेचता है यह तेल?
यहां जांच का विषय यह है कि जब इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है तो वन माफिया इसे कहां पर बेचते हैं? क्या इसमें किसी की कोई मिलीभगत है क्योंकि बाद में यह ऑयल प्रदेश से बाहर भेजा जाता है। इसका इस्तेमाल पैस्टीसाइड बनाने, दवाइयां बनाने, चर्म रोगों व मसाज इत्यादि के लिए किया जाता है। आमतौर पर सिडार ऑयल पुराने पेड़ों से भट्टियां लगाकर निकाला जाता है।

सरांह क्षेत्र में हो रहे नए खुलासे
डी.एफ.ओ. शिमला ग्रामीण और डी.एफ.ओ. चौपाल की अध्यक्षता वाली 21 सदस्यीय टीम ने रविवार को ग्रुप पेट्रोलिंग करके 20 हजार लीटर सिडार ऑयल जब्त किया है। इसका भी जांच रिपोर्ट में जिक्र किया जाएगा। यही वजह मानी जा रही है कि 23 जनवरी को 200 लीटर ऑयल पकडऩे वाले बहादुर वनरक्षक रवि शर्मा को भी जांच का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि रवि की बीट में ही 16 अन्य भट्ठियां मिली हंै। इस मामले में रोज नए खुलासे होने के बाद आर.ओ. और डिप्टी रेंजर की भी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

सरकार को देंगे रिपोर्ट : डी.एफ.ओ.
डी.एफ.ओ. चौपाल एम.एस. चंदेल ने बताया कि सिडार वुड ऑयल मामले की जांच की जा रही है। सोमवार को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। रविवार को विभाग ने 20 हजार लीटर सिडार ऑयल जब्त किया है और 16 भट्टियां भी पकड़ी हंै।

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