Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Oct, 2017 12:20 AM
पांवटा की 200 से अधिक एन.जी.ओ. के बीच एक 11 वर्ष का बच्चा घर पर पशु की तरह बंध कर जीवन-यापन करने को मजबूर है।
पांवटा साहिब: पांवटा की 200 से अधिक एन.जी.ओ. के बीच एक 11 वर्ष का बच्चा घर पर पशु की तरह बंध कर जीवन-यापन करने को मजबूर है। घर के दरवाजे पर बंधे इस बच्चे को मैडीकल हैल्प की आवश्यकता है। पांवटा के वार्ड नंबर 10 में एक मां अपने 11 वर्षीय बच्चे को बांध कर रखने को मजबूर है। यह बच्चा दिमागी तौर पर बीमार है। बच्चे छोटू की मां ने बताया कि अगर छोटू को 2 वक्त की रोटी खिलानी है तो उसको काम करने बाहर जाना पड़ेगा ही। अगर इस दौरान छोटू को खुला छोड़ दें तो वह कहीं भी निकल जाता है, इसलिए सुरक्षा के चलते उसको बांधना आवश्यक हो जाता है।
बच्चे की सहायता को अभी तक नहीं उठे हाथ
वैसे तो पांवटा साहिब में 200 के करीब एन.जी.ओ. कार्य कर रही हैं लेकिन ऐसा लगता है कि वे जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। अभी तक ऐसी कोई भी संस्था व एन.जी.ओ. ने आगे आकर उक्त बच्चे की सहायता को हाथ नहीं बढ़ाया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय शर्मा ने कहा कि इस बच्चे को तुरंत मैडीकल हैल्प की आवश्यकता है। अगर बच्चे की मां चाहे तो वह इस बच्चे को शिमला में स्पैशल चाइल्ड केयर अस्पताल भेज सकती है। वहां पर इस बच्चे के ठीक होने की संभावना अधिक है।