Edited By Updated: 29 Jul, 2016 12:20 AM
पुलिस थाना भराड़ी के तहत घटित बहुचर्चित धोखाधड़ी के मामले में एक और आरोपी के नाम का खुलासा हुआ है।
घुमारवीं: पुलिस थाना भराड़ी के तहत घटित बहुचर्चित धोखाधड़ी के मामले में एक और आरोपी के नाम का खुलासा हुआ है। आरोपी का नाम राजेश उर्फ गुलाटी बताया जा रहा है। इस नाम का खुलासा मामले में गिरफ्तार करणदीप उर्फ सन्नी ने किया है। करणदीप भराड़ी पुलिस के पास पुलिस रिमांड पर है। बताते चलें कि 16 जनवरी, 2015 को वणी-भपराल निवासी बलि राम पुत्र किरपा राम ने पुलिस थाना भराड़ी में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कुछ लोगों ने उसे प्रलोभन देकर उसके 15 लाख रुपए अपने-अपने खातों में डलवाकर उसके साथ धोखाधड़ी व जालसाजी की।
पुलिस की तफ्तीश जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई उसमें पता चला कि 5 लाख रुपए की राशि जो शिकायतकर्ता ने एक्सिस बैंक के बताए हुए खाते में डाली थी, वह धनराशि किसी और नहीं अपितु पुलिस हिरासत में चल रही आरोपी सुरभि के खाते में गई थी। पुलिस तफ्तीश में आगे यह सामने आया कि सुरभि के पति करणदीप उर्फ सन्नी जो पुलिस की हिरासत में है, ने उस धनराशि को एक अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिया था।
मामले का आरोपी करणदीप शिमला पुलिस की हिरासत में था जिसे लाने के लिए पुलिस थाना भराड़ी ने प्रयास किए। शिमला पुलिस ने आरोपी को भराड़ी पुलिस को सौंप दिया था। उसके बाद पुलिस ने आरोपी को पुलिस रिमांड पर ले लिया था। 2 दिन पूर्व भराड़ी पुलिस की एक टीम आरोपी को लेकर दिल्ली गई थी। पुलिस की टीम वीरवार को भराड़ी वापस लौट आई है। पुलिस ने आरोपी के एक्सिस बैंक व सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते व अन्य कागजात को अपने कब्जे में ले लिया है। इससे पुष्टि हुई है कि आरोपियों की जालसाजी के चलते 15 लाख रुपए की धनराशि आरोपियों के हाथों में गई थी।
पुलिस इससे पूर्व करणदीप को इस धोखाधड़ी व जालसाजी का मुख्य सरगना मानकर चल रही थी लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि राजेश उर्फ गुलाटी इस धोखाधड़ी मामले का मास्टरमाइंड है। पुलिस को इस आरोपी के टैलीफोन कॉल्स के आधार पर पता चला है कि वह समय-समय पर अपने मोबाइल नंबर बदल लेता है। यह भी पता चला है कि इस दौरान वह महाराष्ट्र के एक शहर में था लेकिन गुलाटी अपनी लोकेशन बदलता रहता है। यह भी सूचना है कि मामले के आरोपी करणदीप उर्फ सन्नी को 29 जुलाई को शिमला पुलिस अपने साथ लेकर जाएगी क्योंकि उसकी पुलिस रिमांड की मियाद शुक्रवार को समाप्त हो रही है। मामले की आरोपी सुरभि ने जमानत के लिए एक अर्जी जिला सत्र न्यायाधीश बिलासपुर की अदालत में लगाई थी जिसे अदालत ने तमाम दलीलों को सुनने के उपरांत खारिज कर दिया है।
इस मामले की परतें जैसे-जैसे खुलती जा रही हैं उससे यह बात प्रमाणित होती जा रही है कि यह गिरोह देश का एक अंतर्राज्यीय गिरोह है और इस मामले में संलिप्त आरोपी अन्य राज्यों में भी वांछित हैं। ये लोग भोलेभाले लोगों को इंश्योरैंस पॉलिसी के नाम पर ठगते थे। इन लोगों ने एक कॉल सैंटर भी खोल रखा था, जहां से ये लोगों की इंश्योरैंस से संबंधित सूचनाएं एकत्रित करके उन्हें फोन कॉल करते थे और अपने झांसे में फंसाकर उनसे धोखाधड़ी करते थे।