Edited By Updated: 28 May, 2016 10:34 AM

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी की तरफ से दायर अर्जियों पर दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा।
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी की तरफ से दायर अर्जियों पर दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। वीरभद्र व उनकी पत्नी ने ई.डी. के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें ई.डी. ने इनकी कुछ संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति जयंतनाथ की खंडपीठ ने कहा कि सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह की तरफ से दायर उन अर्जियों पर अपना फैसला सोमवार को सुनाएगी, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है।
23 मार्च के आदेश में ई.डी. ने प्रोविजनल अटैचमैंट ऑर्डर पास किया था। साथ ही उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में चल रही कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी की तरफ से पेश होते हुए दलील दी कि उनके मुवक्किलों ने अंडरटेकिंग दी है कि वे उन संपत्तियों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे, जिनको ई.डी. ने जब्त किया है। ऐसे में ई.डी. के दिमाग में ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए कि वीरभद्र व उनकी पत्नी इन संपत्तियों को बेच देंगे।
उन्होंने यह भी दलील दी कि 31 मई को इस मामले में अंतिम आदेश दिया जा सकता है। इसलिए सिंह व उनकी पत्नी को फिलहाल तब तक राहत दे दी जाए, जब तक उनके द्वारा ई.डी. के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा नहीं हो जाता है। वहीं ए.एस.जी. संजय जैन ने ई.डी. की तरफ से दलील दी कि वीरभद्र सिंह के बच्चों के खिलाफ रोक का आदेश इसलिए जारी किया गया है क्योंकि उनका नाम प्राथमिकी में नहीं है परंतु वीरभद्र व उनकी पत्नी का नाम प्राथमिकी में है। साथ ही कहा कि ई.डी. इन मामलों में किसी के द्वारा दी गई अंडरटेकिंग पर काम नहीं कर सकती है, वरना इस तरह के मामलों में सब अंडरटेकिंग देना शुरू कर देंगे।