Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Feb, 2018 03:49 PM
शहर में खतरनाक व पुराने हो चुके पेड़ों ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। पेड़ों को लेकर वर्तमान में आम जनता की हजारों शिकायतें निगम के पास पहुंच रही हैं, लेकिन निगम इस ओर अभी कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं ला सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बरसात के मौसम...
शिमला : शहर में खतरनाक व पुराने हो चुके पेड़ों ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। पेड़ों को लेकर वर्तमान में आम जनता की हजारों शिकायतें निगम के पास पहुंच रही हैं, लेकिन निगम इस ओर अभी कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं ला सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बरसात के मौसम में एम.सी. की ओर से वन विभाग को पेड़ों के जो मामले भेजे गए थे उनमें से एक भी पेड़ को काटने की परमिशन नगर निगम को नहीं मिली है। इधर, शहर में कई पेड़ ऐसे हैं जो कभी भी कहर बरपा सकते हैं। पेड़ गिरने से बिजली और पानी की पाइपें फटने के साथ ही लोगों को हर समय जानमाल का नुक्सान होने का खतरा सता रहा है।
अब तक 77 मामलों की लिस्ट कैबिनेट को दी
वार्ड पार्षदों की ओर से भी निगम प्रशासन को कई बार गुहार लगाई जा चुकी है कि जो पेड़ लगभग गिरने की कगार पर हैं उन्हें काटने के लिए फौरन परमिशन मिलनी चाहिए। हालांकि इस संबंध में वन विभाग और नगर निगम का तर्क है कि शहर में किसी भी तरह का पेड़ हो जब तक उसके लिए कैबिनेट से अनुमति नहीं मिलती वन विभाग अपने स्तर पर कुछ नहीं कर सकता। 2016 से अब तक 77 मामलों की लिस्ट कैबिनेट को दी गई है, जो पेड़ गिरने की कगार पर हैं।
2 पेड़ों को काटने की परमिशन मिली
इसके अलावा 274 पेड़ों की लिस्ट दोबारा से डी.एफ.ओ. की ओर से भेजी गई है लेकिन अभी तक कैबिनेट से केवल 2 पेड़ों को काटने की परमिशन मिली है। ऐसे में विभाग अपने स्तर पर कुछ नहीं कर सकता। यहां तक खतरनाक पेड़ों को काटने के लिए एन.जी.टी. से परमिशन लेना जरूरी है। विभाग का कार्य केवल इतना है कि गिरे पेड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उसे रास्तों या सड़क से उठाया जा सकता है।