Edited By Updated: 05 Apr, 2017 03:48 PM

तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की वजह से चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है।
धर्मशाला/नई दिल्ली: तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की वजह से चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को राजनीतिक रंग न दिए जाने की बात कही है। अरुणाचल के बोमडिला में दलाई लामा ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारत सरकार को 'शुक्रिया' कहा। उन्होंने खुद को Longest Guest Of Indian Government करार दिया। उनके दौरे पर चीन द्वारा एतराज दर्ज कराए जाने पर प्रतिक्रिया मांगने पर उन्होंने कहा कि 'नो प्रॉब्लम, अगर वे मुझे 'डीमन' (राक्षस) समझते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है।'
कुछ चीनी अफसरों ने उन्हें कहा राक्षस
उन्होंने अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि काफी सालों पहले वह इटली के दौरे पर गए थे। वहां कुछ मीडियावालों ने उन्हें बताया कि कुछ चीनी अफसरों ने उन्हें 'राक्षस' कहा है। उन्होंने बताया कि जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई थी तो उन्होंने यही कहा था कि वह एक ऐसे राक्षस हैं, जिसकी सींग भी है। उन्होंने चीन को मेसेज देने पर बताया कि वह ऐतिहासिक तौर पर बौद्ध देश रहा है। वहां एक बहुत बड़ी आबादी बौद्ध धर्म के अनुयायियों की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कभी भी उनका इस्तेमाल नहीं किया।
नरेंद्र मोदी दलाई लामा के मुद्दे पर अलग रुख अपनाते नजर आ रहे
भारत की ओर से दलाई लामा के दौरे को आंतरिक मामला बताए जाने पर चीन भड़का हुआ है। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इसे बकवास करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह धर्म की आड़ में चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। ऐसे में भारत द्वारा अरुणाचल जैसे संवेदनशील इलाके में उन्हें बुलाने से दोनों देशों के रिश्तों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व के प्रधानमंत्रियों से इतर पीएम नरेंद्र मोदी दलाई लामा के मुद्दे पर अलग रुख अपनाते नजर आ रहे हैं और वह ही दलाई लामा से लोगों के संपर्क को बढ़ावा दे रहे हैं।