Edited By Dishant Kumar, Updated: 31 Jul, 2021 08:35 PM
आजादी के दशकों बाद भी विधानसभा क्षेत्र श्री रेणुका जी का गांव सीऊ आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर हैं । यहां गांव को जोड़ने वाला मार्ग बरसात में ठप्प हो जाता हैं । जिसके बाद लोग आज भी जान हथेली पर रखकर तार झूले से नदी पार करने को मजबूर हैं ।
आजादी के दशकों बाद भी विधानसभा क्षेत्र श्री रेणुका जी का गांव सीऊ आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर हैं । यहां गांव को जोड़ने वाला मार्ग बरसात में ठप्प हो जाता हैं । जिसके बाद लोग आज भी जान हथेली पर रखकर तार झूले से नदी पार करने को मजबूर हैं ।
तो वहीं तार झूले पर भी प्रशासन ने कोई ऑपरेटर तैनात नही किया हैं । जिससे खतरा अधिक बढ़ा हैं । करीब 26 किलोमीटर लंबे रेणुकाजी बांध के डूब क्षेत्र के अंतर्गत गाँव सीऊ आता हैं । गांव सींऊ के ग्रामीण रज्जू मार्ग तार के झूले पर ओपरेटर नियुक्त न होने से जान हथेली पर रखकर नदियां पार कर रहे हैं। गौरतलब है कि गिरी व पालर नदी के बीच बसे इस गांव के लोगों के लिए बरसात में यातायात का प्रमुख साधन दोनों नदियों पर बने पारम्परिक रज्जू मार्ग अथवा तार झूला है।
वर्ष 2019 में तार झूले की मरम्मत पर 2 लाख 80 हजार का बजट खर्च हो चुका है, । स्थानीय ग्रामीणों का कहना हैं कि भारी बरसात व उफ़नती नदी से तार झूले से वह नदी पार करते हैं । यहाँ इसके ऑपरेटर की भी कोई व्यवस्था नही की गई है । लोग अपनी नगदी फसलें भी झूले के माध्यम से मंडियों तक पहुंचा रहे है। उन्होंने मांग की हैं कि जल्द यहां एक ऑपरेटर तैनात किया जाए ।