1947 में भारत-पाक का विभाजन नहीं पंजाबियों को देश से निकाला था : रीना नंदा

Edited By Vijay, Updated: 14 Oct, 2018 09:01 PM

was not indo pak division in 1947 punjabis were evicted from the country

कसौली में 7वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के अंतिम दिन भारत-पाक विभाजन पर रीना नंदा ने पंजाबियों के दर्द को बयां किया। उन्होंने 1947 में भारत-पाक के विभाजन को पंजाबियों के लिए देश निकाला की संज्ञा दी है।

सोलन: कसौली में 7वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के अंतिम दिन भारत-पाक विभाजन पर रीना नंदा ने पंजाबियों के दर्द को बयां किया। उन्होंने 1947 में भारत-पाक के विभाजन को पंजाबियों के लिए देश निकाला की संज्ञा दी है। उन्होंने बताया कि जब भारत-पाक का विभाजन हुआ था तो वे केवल अढ़ाई वर्ष की थीं और उनका परिवार उस समय ब्लूचिस्तान के क्वेटा में रहता था।

पंजाबी व बंगालियों को उतारा था मौत के घाट
उन्होंने बताया कि उस समय हुए दंगों में सबसे अधिक पंजाबी व बंगालियों को मौत के घाट उतारा गया। इसके लिए उस समय के दोनों देशों के नेता जिम्मेदार थे। उनका मानना है कि उस समय पंजाब व बंगाल के नेताओं का राष्ट्रीय राजनीति में दबदबा नहीं था। पाकिस्तान से भारत आए पंजाबियों ने किस प्रकार से सड़क पर दुकानें लगाकर संघर्ष कर अपना कारोबार शुरू किया। उन्होंने उनका संघर्ष अपनी किताब के माध्यम से बयां किया है।

विभाजन के नाम पर नेताओं ने प्यार को नफरत में बदला
उन्होंने बताया कि आजादी से पूर्व जब वे पाकिस्तान में रहते थे तो सभी धर्मों के लोगों में बहुत प्यार था लेकिन विभाजन के नाम पर नेताओं ने इस प्यार को नफरत में बदल दिया। उन्होंने कहा कि खुशवंत सिंह ने ट्रेन टू पाकिस्तान में विभाजन का जिक्र किया है और उन्होंने अपनी इस किताब में भारत-पाक की पीड़ा का सजीव चित्रण किया है।

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