जमीन है नहीं, 2 दर्जन से ज्यादा विभाग लाइन में

Edited By Ekta, Updated: 03 Aug, 2018 01:28 PM

there is no land more than 2 dozen departments in line

जिला मुख्यालय में सरकारी कार्यालयों के लिए सरकारी जमीन की किल्लत बनी हुई है। इसके बावजूद अभी भी 2 दर्जन के करीब सरकारी विभाग व अन्य सरकारी संस्थान भवन निर्माण के लिए जमीन लेने की लाइन में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार प्रशासन के पास राजस्व विभाग की...

नाहन (साथी): जिला मुख्यालय में सरकारी कार्यालयों के लिए सरकारी जमीन की किल्लत बनी हुई है। इसके बावजूद अभी भी 2 दर्जन के करीब सरकारी विभाग व अन्य सरकारी संस्थान भवन निर्माण के लिए जमीन लेने की लाइन में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार प्रशासन के पास राजस्व विभाग की जमीन ज्यादा नहीं है। ऐसे में जमीन देने का दबाव नगर परिषद पर ही पड़ रहा है। 


मैडीकल कॉलेज की मांग सबसे ज्यादा
मैडीकल कॉलेज खुलने के बाद सरकार पर जिला मुख्यालय में कॉलेज को जमीन देने के लिए सबसे ज्यादा दबाव है। राजस्व विभाग की अफसरशाही पिछले 2 वर्षों से जमीन को लेकर जूझ रही है। नेता मैडीकल कॉलेज को शहर से बाहर खोलना नहीं चाह रहे हैं। यही वजह है कि मैडीकल कालेज की शुरूआत जिला अस्पताल की पुरानी इमारतों में की गई। जैसे-जैसे एम.बी.बी.एस. के नए बैच बैठ रहे हैं वैसे-वैसे भवनों की कमी पड़ रही है। हाल ही में सरकार ने डिग्री कालेज के साइंस ब्लाक व आर्ट्स ब्लाक को मैडीकल कालेज के हवाले कर दिया है। कॉलेज की अपनी 10 एकड़ भूमि है। जहां भवनों का निर्माण होना है। इसके अलावा साथ लगती नगर परिषद की 70 बीघा भूमि पर भी मैडीकल कॉलेज की नजर है लेकिन यहां चीड़ का जंगल है। एफ.सी.ए. का अड़ंगा निपटने के बाद ही फाइल आगे बढ़ेगी। पूर्व वीरभद्र सरकार ने बिरोजा फैक्टरी के नजदीक नगर परिषद की 600 बीघा भूमि कॉलेज को देने का मामला रिजैक्ट कर दिया था। अब सत्ता दल के नेता भी नहीं चाहते कि शहर से शिफ्ट हो।  


बहुमंजिला भवन की योजना ठंडे बस्ते में
सूत्रों के अनुसार कुछ वर्ष पहले जमीन के लिए आवेदन करने वाले करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा सरकारी कार्यालयों को एक बहुमंजिला ब्लाक बनाकर उसमें शिफ्ट करने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए संबंधित विभागों को लिखा गया था कि वह कार्यालयों के लिए स्वीकृत बजट व सरकार की अनुमति प्रशासन को सौंपें ताकि एक ब्लाक बनाकर सभी कार्यालय को यहां शिफ्ट किया जा सके। जमीन की कमी के चलते सभी विभागों को जमीन नहीं मिल सकती। केवल 3 विभागों ने बजट होने की जानकारी उपलब्ध करवाई थी बाकी सभी अन्य विभागों ने बजट को लेकर आनाकानी की। ऐसे में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अभी भी जिला प्रशासन के पास महिला पुलिस थाना, कच्चा टैंक पुलिस चौकी, अभियोजन विभाग व एन.सी.सी. कार्यालय समेत कई अन्य विभागों की फाइलें जमीन को लेकर लंबित पड़ी हैं।

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